Ranchi : खास बात तो यह है कि इसमें स्टूडेंट्स की कोई गलती नहीं है, बल्कि अफसरों की लापरवाही के कारण डायरेक्टर जनरल ऑफ ट्रेनिंग (डीजीटी) के पोर्टल पर मा‌र्क्स अपलोड नहीं किये जाने से ऐसा हुआ है। इसके खिलाफ स्टूडेंट्स का गुस्सा फूट पड़ा है। बुधवार को रांची के हेहल स्थित आईटीआई के बाहर सैकड़ों स्टूडेंट्स ने तालाबंदी कर दी। हंगामे के कारण एनएच-23 घंटों जाम रहा।

 

डिप्टी डायरेक्टर को शो-कॉज

इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार उपनिदेशक-प्रशिक्षण सह निदेशक-मूल्यांकन दीपक कच्छप को श्रम, नियोजन व प्रशिक्षण विभाग ने शो-कॉ जारी कर दिया है। दरअसल, आइटीआइ में कार्यरत अनुदेशक अपनी विभिन्न मांगों को लेकर पांच अक्टूबर से ही हड़ताल पर हैं। इस कारण आइटीआइ में दूसरे तथा चौथे सेमेस्टर के विद्यार्थियों के ड्राइंग, इंजीनिय¨रग तथा व्यावहारिक परीक्षा के मा‌र्क्स अपलोड नहीं किए जा सके। अफसरों का कहना है कि मा‌र्क्स अपलोड कराने की जिम्मेदारी उपनिदेशक-प्रशिक्षण सह निदेशक-मूल्यांकन दीपक कच्छप की थी। लेकिन उन्होंने न तो इसकी जानकारी विभाग को दी और न ही कोई वैकल्पिक व्यवस्था की।

 

एक हफ्ते के भीतर रिजल्ट में होगा सुधार

डीजीटी के पोर्टल पर जारी रिजल्ट में एक विषय में फेल घोषित किए जाने के बाद सभी विद्यार्थी सशंकित हो गए। उनमें रोष है कि परीक्षा देने के बाद भी उनकी कॉपी का मूल्यांकन नहीं हुआ। छात्रों के अनुसार, प्राचार्यो से इस बाबत पूछने पर विभाग पर टाल दिया गया। इसके बाद सैकड़ों छात्र रिजल्ट में सुधार को लेकर बुधवार को नेपाल हाउस सचिवालय पहुंच गए, जहां उन्होंने नारेबाजी और प्रदर्शन भी किया। बाद में उनकी निदेशक-प्रशिक्षण राकेश कुमार सिंह से मुलाकात कराई गई। निदेशक ने उन्हें एक सप्ताह के भीतर रिजल्ट में सुधार कराने का आश्वासन दिया। इसके बाद ही स्टूडेंट्स वापस लौटे।

 

अनुदेशकों ने नहीं किया मूल्यांकन

झारखंड राज्य औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान कर्मचारी संघ के महासचिव कमलेश्वर रविदास ने इसके लिए विभाग को जिम्मेदार ठहराया है। उनके अनुसार, हड़ताल के कारण अनुदेशकों ने मूल्यांकन ही नहीं किया। हड़ताल की जानकारी विभाग को दे दी गई थी, लेकिन विभाग ने उनकी मांगों पर विचार करने या किसी तरह की वार्ता का कोई प्रयास नहीं किया। यही वजह है कि डीजीटी द्वारा जारी रिजल्ट में सभी स्टूडेंट्स को एक सब्जेक्ट में फेल घोषित कर दिया गया। कुछ स्टूडेंट्स तो तीन-तीन सब्जेक्ट में फेल हुए हैं।

 

डीजीटी जारी करता है परिणाम

आइटीआइ के विद्यार्थियों की ओएमआर शीट पर परीक्षा केंद्र सरकार के डीजीटी कार्यालय द्वारा ली जाती है। इसके द्वारा ही परिणाम जारी किया जाता है। लेकिन इंजीनिय¨रग तथा डाइंग विषय की परीक्षा तथा व्यावहारिक परीक्षा संबंधित आइटीआइ में ही होती है। इसके प्राप्तांक डीजीटी के पोर्टल पर अपलोड कर भेजे जाते हैं।

 

 

हड़ताली अनुदेशकों पर नो वर्क, नो पे लागू

श्रम, नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग ने हड़ताल पर रहे आईटीआई के अनुदेशकों पर 'नो वर्क नो पे' लागू करने का आदेश दिया है। हड़ताल अवधि में इनके वेतन का भुगतान नहीं होगा। साथ ही उस अवधि को इनकी सेवा में टूट माना जाएगा। विभाग ने इन्हें शीघ्र हड़ताल से वापस लौटने का भी अल्टीमेटम दिया है।

 

तेज करेंगे आंदोलन

संघ के अध्यक्ष देवेंद्र प्रसाद सिंह तथा महासचिव कमलेश्वर रविदास ने मंत्री से वार्ता विफल होने के बाद आंदोलन तेज करने की बात कही है। उनके अनुसार, अनुदेशक 12 नवंबर से सीएम आवास पर धरना देंगे। 15 नवंबर को राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर वे काला बिल्ला लगाएंगे।

 

एक माह से जारी है स्ट्राइक

एक माह से अधिक समय से हड़ताल पर होने के बाद मंगलवार को अनुदेशकों की विभागीय मंत्री राज पलिवार से वार्ता कराई गई। वार्ता के क्रम में मंत्री ने साफ-साफ कहा कि पहले वे हड़ताल से वापस लौटें। इसके बाद ही उनकी मांगों पर विचार होगा। उनकी मांगों पर सहमति नहीं बनने से यह वार्ता विफल हो गई।