RANCHI : रांची पुलिस द्वारा सोमवार को मटका काउंटरों पर की गई ताबड़तोड़ छापेमारी के बाद तमाम मटकेबाज अंडरग्राउंड हो गए हैं। मंगलवार को मटका काउंटरों में न मटका खिलाने वाले और न ही खेलने वाले नजर आए। इधर पुलिस का कहना है कि मटका खेल पर लगाम कसने के लिए आगे भी कार्रवाई जारी रहेगी। जुए के इस खेल में जो भी पकड़े जाएंगे, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

हर महीने करोड़ों का खेल

शहर के सभी थाना प्रभारी कहते हैं कि उनके इलाके में मटका और जुआ नहीं होता। लेकिन, सोमवार को मेन रोड में एक खंडहरनुमा मकान में मटका केंद्र पर छापेमारी के दौरान 14 लोगों के पकड़े जाने से यह साबित हो गया कि यहां धड़ल्ले से जुए का खेल चल रहा है। इसमें हर दिन लाखों के दांव लगते हैं। शहर के कई इलाकों में मटका काउंटर है, जिसकी देखरेख की जिम्मेवारी उस क्षेत्र के ही कुछ दबंग किस्म के लोगों के जिम्मे होती है। काउंटर पर वही बैठता है, जो लोकल व्यक्तियों को पहचानता हो। इस खेल का हिस्सा खाकी से लेकर खादी तक पहुंचता है।

कहां-कहां चलता है मटका खेल

कोनका

चुटिया

रातू रोड

कांके रोड

कांके

आईटीआई बस स्टैंड

पिस्कामोड़

हरमू रोड

अरगोड़ा चौक

जगन्नाथपुर

धुर्वा

ओरमांझी

पुलिस अफसरों को भी मिलता हिस्सा

मटका के धंधे से जुड़े लोगों ने बताया कि जुए के इस खेल को चलाने के लिए थाने से लेकर वरीय पुलिस अफसरों तक पेशगी पहुंचाते हैं। संबंधित थाने को खेल में कोई रोक टोक नहीं करने के लिए हर महीने 30 से 60 हजार रुपए पहुंचाए जाते हैं। इतना हीं नहीं पैसे पहुंचाने में थोड़ी सी भी देर क्या हुई, पुलिस वसूलने धमकती है।

दो तरीके से लगते हैं रुपए दांव पर

मटका के खेल में दो तरह से दांव लगाए जाते हैं। पहला दांव सिंगल नंबर पर और दूसरा जोड़ा नंबर पर। सिंगल लकी नंबर पर दस रुपए का दांव लगाने पर अगर वह नंबर शाम में खुल जाता है तो 90 रुपए मिलते हैं। यानि 80 रुपए का मुनाफा। इसी तरह जोड़ा नंबर में दस रुपए का दांव लगाने पर अगर लकी नंबर खुला तो 800 रुपए आपके। यानि 790 रुपए का मुनाफा। मटका का यह अवैध खेल बेरोक-टोक इसीलिए फल-फूल रहा है, क्योंकि सबके हिस्से बंटे हुए हैं। इसमें जो सेंटर पर सौ रुपए का दांव काटता है उसे आठ रुपए, शाम में जो लकी नंबर का पैसा पहुंचाने जाता है उसे 100 रुपए पर दस रुपए दिए जाते हैं।