रांची (ब्यूरो) : चुटिया समूह के सदस्य मुनचुन राय तथा सतेंद्र रजक ने इस समूह के पूरी तरह से सुरक्षित होने की बात कही है। ये सभी बाबा बर्फानी के दर्शन के बाद रांची लौटने की तैयारी कर रहे हैं। शुक्रवार को इस समूह के बाबा बर्फानी के दर्शन के चंद मिनट बाद ही बदल फटने का हादसा हुआ था। इस समूह में मुख्य रूप से रांची जिला दुर्गा पूजा समिति के संयोजक मुनचुन राय, विक्की सिंह, अविचल सिंह, संतेन्द्र रजक, नवीन सिंह, विजय सिंह, एडवर्ड सोरेन, रिंटू, प्रकाश, मोनू, सहित लगभग 25 लोग हैं।

चाईबासा से 50 भक्त बीच रास्ते में फंसे

चाईबासा से खबर है कि पश्चिम ङ्क्षसहभूम जिला से अमरनाथ की यात्रा में गए लगभग 45 से 50 लोग जम्मू और अमरनाथ की यात्रा के बीच में फंस गए हैं। यह सभी अलग-अलग ग्रुप में शामिल हैं। अमरनाथ में बादल फटने से रास्ते स्थानीय प्रशासन ने बंद कर दिये है। पहलगांव में फंसे चाईबासा के तम्बाकू पट्टी निवासी मंगल पांडेय व प्रतिमा कुमारी पांडेय ने बताया कि हम लोग 3 जुलाई को हावड़ा से हीमगिरी एक्सप्रेस से जम्मू पहुंचे। जम्मू से विभूतिनगर कैंप में रुके थे। वहां से पहलगांव पहुंचे और आगे के सारे रास्ता बीएसएफ व आर्मी की ओर से रोक दिया गया है। अभी हम लोग दर्शन नहीं कर पाए हैं।

शेषनाग में भी लोग फंसे

चाईबासा के सदर बाजार निवासी बिस्टू नंदी, ईपिका नंदी व झींकपानी निवासी गोङ्क्षवद शर्मा ने बताया कि हम तीन लोग शेषनाग में फंसे हैं। अभी अमरनाथ बाबा शिवङ्क्षलग के दर्शन नहीं हो पाए हैैं और सारे रास्ते बीएसएफ व आर्मी की ओर से बंद कर दिये गए हैं। शनिवार की सुबह गोङ्क्षवद शर्मा की अचानक स्वास्थ्य बिगडऩे के कारण आर्मी अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां पर आक्सीजन देने के बाद स्वास्थ्य में कुछ सुधार आया है। चाईबासा के कुछ भक्त चंदनबाड़ी में भी फंसे हैं और कुछ भक्त जो पहले गए थे वह दर्शन करके वापस चाईबासा के लिए निकल चुके हंै।

नि:शुल्क भोजन की है व्यवस्था

विभूतिनगर कैंप के पास लखनऊ शहर के आलमबाग का बाबा का ढाबा चलता है। यहां पर भक्तों के लिए नि:शुल्क भोजन की व्यवस्था है। भोजन और रहने के लिए कोई दिक्कत नहीं है। रांची से गए भक्तों ने बताया कि इतनी दूर आए हैं तो प्रयास यही कर रहे हैं कि अमरनाथ यात्रा पूरी हो जाय और शिवङ्क्षलग के दर्शन हो जाए। कुछ लोग अभी एक से दो दिन वहीं रुकेंगे।