RANCHI: दोस्ती का रिश्ता दुनिया में सबसे पवित्र रिश्ता माना जाता है। इसके लिए लोग अपनी जान तक दे देते हैं। यही वजह है कि दोस्तों से मिलने की चाहत में सात समंदर पार से भी दोस्त रिम्स पहुंच ही गए। रिम्स आडिटोरियम में रविवार को पुनर्मिलन का आयोजन किया गया, जहां दोस्तों से मिलने के बाद कई लोगों की आंखें छलक उठीं। वहीं कई लोग अपने साथियों को मिस भी कर रहे थे। इस दौरान डॉ। पांडेय ने कहा कि अगर जिंदा रहेंगे तो मिलते रहेंगे। लेकिन मिलते रहने से जीने की चाहत और बढ़ जाती है। मौके पर चीफ गेस्ट के रूप में सर्जरी डिपार्टमेंट के एचओडी रहे डॉ। जी दास, रिम्स डायरेक्टर डॉ। आरके श्रीवास्तव, डॉ। एम जेडेक, डॉ। प्रभात कुमार, डॉ। मिनी रानी अखौरी, सुपरिटेंडेंट डॉ। एसके चौधरी के अलावा काफी संख्या में डॉक्टर्स मौजूद थे। डॉक्टर को देख लोग मिलाते थे घड़ी का टाइम: डॉ घनश्याम.फोटो है चीफ गेस्ट डॉ.घनश्याम दास ने कहा कि हमारे समय में अगर प्रोफेसर सामने आ जाते थे तो सब शांत हो जाते थे। वहीं कई प्रोफेसर तो ऐसे थे कि उनके आने का टाइम फिक्स था। उनके कैंपस में आने के बाद लोग घड़ी का समय मिलाते थे। वहीं आरएमसीएच में पढ़ाई की तारीफ करते हुए उन्होंने बताया कि उस समय भी लोग दूसरे मेडिकल कालेज को छोड़कर आरएमसीएच में ही एडमिशन कराने आते थे। आज भी रिम्स में बेहतर पढ़ाई होती है। फॉरेन में इंग्लिश से ही सुबह से शाम: डॉ शोभना सहाय यूके से आई डॉ। शोभना सहाय ने अपना एक्सपीरिएंस शेयर करते हुए कहा कि इंडिया में अगर कुछ अच्छा है तो वो है हिंदी। हमारे यहां सुबह से लेकर रात तक इंग्लिश बोलने और सुनने में सिरदर्द होने लगता है। यहां आकर जब लोग हिंदी में बात करते हैं, तो काफी सुकून मिलता है। अब यहां पर काफी कुछ बदल गया है। लेकिन हमारे दोस्त आज भी वैसे ही हैं, जैसे कई सालों पहले थे। जरूरत पड़ने पर अपनी कार से पहुंचाती थी मरीजों को: डॉ। मीरा राय यूनाइटेड किंगडम से आई क्9म्फ् में आरएमसीएच में ट्यूटर रही डॉ। मीरा रॉय ने भी अपने स्टूडेंट्स से मुलाकात की। फ‌र्स्ट बैच के स्टूडेंट्स से मिलने के बाद उनकी आंखें छलक उठीं। उन्होंने कहा कि उस वक्त आरएमसीएच में सुविधाएं तो नहीं थीं। ऐसे में जो अमीर मरीज इलाज के लिए आते थे तो उनसे कुछ एक्सट्रा दवाएं मंगवा लेती थीं। जिससे कि गरीब मरीजों का भी वो इलाज करती थीं। वहीं जरूरत पड़ने पर अपनी आस्टिन कार से ही मरीज को लाने ले जाने का भी काम करती थी। । इन्हें मिला अवार्ड -डॉ। विनोद प्रिया मेमोरियल ट्राफी फॉर ओवरऑल यूजी टॉपर : अभिषेक कुमार (ख्0क्ख्) -फाइनल एमबीबीएस टॉपर : अभिषेक कुमार (ख्0क्ख्) -लेट नवल किशोर प्रसाद मेमोरियल अवार्ड फॉर मेडिसीन टॉपर : अभिषेक कुमार (ख्0क्ख्) -डॉ। केपी श्रीवास्तव फॉर सेकेंड प्रोफेशनल टॉपर : आयुशी प्रकाश (ख्0क्ब्) -फ‌र्स्ट प्रोफेशनल टॉपर अवार्ड : भव्या गिरि (ख्0क्म्)