-भगवान बिरसा मुंडा के गांव में अमित शाह ने सिर्फ आदिवासियों की बात की, विकास का दिलाया भरोसा

-विपक्ष की चर्चा नहीं, झारखंड व देश की आजादी में आदिवासियों के योगदान को गिनाया

-रघुवर दास को दी शाबाशी, कहा आसमान से देखा जंगल के बीच चमचमाती हुई सड़कें

रांची : भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह अपने तीन दिवसीय झारखंड प्रवास के अंतिम दिन रविवार को खूंटी में थे। वे भगवान बिरसा मुंडा की पावन धरती उलिहातू स्थित हाईस्कूल मैदान से आदिवासियों का मन टटोलते हुए दिल तक दस्तक देने में सफल रहे। शहीद ग्राम विकास योजना के तहत राज्य के 19 गांवों के लिए विकास योजनाओं के शिलान्यास के बाद उन्होंने राजनीति से दूर सिर्फ आदिवासी, आदिवासियत और विकास के इर्द-गिर्द अपने भाषण को समेटे रखा। विपक्ष और विपक्षी पार्टियों का नाम तक नहीं लिया। हां, मुख्यमंत्री रघुवर दास को बेहतर काम के लिए जमकर शाबाशी दी।

8 मिनट बोले आदिवासियों पर

खूंटी में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का संबोधन राजनीति से इतर देश और झारखंड के आंदोलन में आदिवासियों की भूमिका पर केंद्रित रहा। उन्होंने अपने 11 मिनट के भाषण में 8 मिनट से अधिक समय आदिवासियों और इसी समाज के स्वतंत्रता सेनानियों को समर्पित किया। खासकर बिरसा मुंडा पर केंद्रित उनके विचारों ने मुंडा के वंशजों को भी झकझोरा। शाह ने कहा कि 25 वर्ष की उम्र में बिरसा वह काम कर गए जो हजारों वषरें तक करोड़ों लोगों को प्रेरणा देगा। न केवल झारखंड बल्कि पूरा राष्ट्र भगवान बिरसा मुंडा का ऋणी है।

मना रहे सेवा दिवस

अमित शाह ने अपने भाषण की शुरुआत करते हुए बिरसा की धरती पर मौजूदगी के लिए खुद को भाग्यशाली बताया। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री का जन्मदिन जिसे देश के करोड़ों लोग सेवा दिवस के रूप में मना रहे हैं और स्वच्छता के लिए संकल्प ले रहे हैं उसकी शुरुआत करने के लिए इससे पावन धरती पूरे देश में नहीं है। उन्होंने देश की आजादी के लिए अपनी आहुति देनेवाले 19 लोगों के गांवों में विकास योजनाओं का शिलान्यास करने का अवसर मिलने के लिए भी खुद को भाग्यवान बताया। किसी राजनीतिक दल का नाम लिए बगैर कहा कि आजादी के इतने वषरें बाद भी इन गांवों में मूलभूत सुविधाओं का नहीं होना बताता है कि इनकी कितनी अनदेखी हुई लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।

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सड़क, बिजली, पानी और घर

अमित शाह ने कहा कि सड़क, बिजली, पानी, पक्का आवास समेत अन्य मूलभूत सुविधाओं के लिए मार्ग प्रशस्त हो चुका है। उलिहातू में उन्होंने गृह निर्माण योजना को लेकर भूमिभूजन में भी भाग लिया। परिसर में पौधरोपण भी किया गया। बिरसा मुंडा और गया मुंडा के नेतृत्व में हुए संघर्ष, नीलांबर-पीतांबर का योगदान सिदो-कान्हू व दिवा किसुन के बलिदान की भी उन्होंने चर्चा की। उन्होंने रघुवर दास को प्रधानमंत्री की उस घोषणा को पूरा करने का बीड़ा उठाने के लिए धन्यवाद दिया जिसमें उन्होंने आजादी के 75 वर्ष पूरा होने तक सभी स्वतंत्रता सेनानियों के गांव को पूर्ण विकसित कराने की बात कही थी। ऐसे सेनानियों के गांवों में बिजली, पानी, गैस कनेक्शन, सड़क पहुंचाकर भाजपा ने सच्ची श्रद्धांजलि दी है। ऐसा नहीं होता तो हम उनके तर्पण में बहुत पीछे रह जाते।

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मिलेगा आजादी का फल

शाह ने कहा कि समय कम रहने के कारण हेलीकॉप्टर से बिरसा के गांव आया हूं लेकिन आसमान से आदिवासी इलाकों और जंगलों में चमचमाती सड़कें देखकर मन खुश हो गया। वास्तव में सरकारें इसलिए ही होती हैं। अब झारखंड में रहनेवाले हमारे आदिवासी भाइयों को भी आजादी का फल मिलेगा। अंत में उन्होंने स्वराज को सुराज बनाने को लेकर प्रधानमंत्री मोदी का संकल्प पूरा करने में सबके सहयोग की अपील की।