रांची (ब्यूरो): इन दिनों बैंक अकाउंट ब्लॉक होने का मैसेज भेज कर ठगने की कोशिश हो रही है। इस संबंध में बैंक भी अपने ग्राहकों को अलर्ट कर रहा है। लोगों ने इस मुद्दे को सोशल मीडिया पर उठाना शुरू कर दिया है। हर कोई एक-दूसरे से अलर्ट करता दिख रहा है, ताकि वे ठगों के झांसे में न आएं। सिर्फ बैंक अकाउंट ही नहीं, बल्कि फर्जी बेवसाइट से धमाकेदार ऑफर देकर ठगने की साजिश रची जा रही है। इस संबंध में रांची पुलिस और साइबर सेल की ओर से भी लोगों को अलर्ट किया जा रहा है। ऐेसे किसी भी झांसे में न आने की हिदायत दी जा रही है।

बैंक नहीं भेज रहा मैसेज

जैसे-जैसे ऑनलाइन बैंकिंग का चलन बढ़ा है, वैसे-वैसे ही ऑनलाइन धोखाधड़ी की घटनाओं में भी इजाफा हो रहा है। कई मामलों में पुलिस अपराधियों को जेल तक भेज चुकी है, लेकिन फिर भी यह बंद नहीं हो रहा है। साइबर ठग रोज नए तरीके से लोगों के बैंक अकाउंट में सेंध लगाने के लिए अपना रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के ग्राहक फिर एक बार अपराधियों के निशाने पर है। एसबीआई के नाम पर एक एसएसएम भेजकर अकाउंट ब्लॉक होने की फर्जी जानकारी देते हैं। एसबीआई का अकाउंट ब्लॉक करने का यह मैसेज वास्तव में साइबर ठगों की ओर से कस्टमर को भेजा जा रहा है। इस मैसेज में लिखा है &प्रिय खाताधारक, आपका एसबीआई बैंक का अकाउंट ब्लॉक कर दिया गया है। आपको अकाउंट चालू करने के लिए अपने सभी जरूरी दस्तावेज दोबारा जमा कराने हैं। दस्तावेज जमा कराने के लिए आप इस लिंक पर क्लिक करें.&य

सोच समझ कर शॉपिंग करें

फेस्टिव सीजन में अगर आप ऑनलाइन शॉपिंग करने की सोच रहे हैं, तो सावधान हो जाएं। क्योंकि, साइबर ठग फर्जी लिंक तैयार कर वॉट्सऐप और फेसबुक के जरिए नामी ऑनलाइन कंपनियों के प्रोडक्ट का ऑफर देने मेें जुटे हैं। दीपावली-धनतेरस पर कपड़ों से लेकर इलेक्ट्रॉनिक सामानों पर भारी छूट का ऑफर देकर लोगों को ठगने का प्रयास किया जा रहा है। 70 से 80 परसेंट तक छूट देने की बात कह कर अप्लीकेशन फार्म भरवाया जाता है। जैसे ही लिंक पर आप क्लिक करके अप्लीकेशन फॉर्म भरते हैं। उसके कुछ देर बाद आपका अकाउंट खाली हो जाता है और रुपए कटने का मैसेज आने के बाद ठगी का पता चलता है।

हाल की कुछ घटनाएं

केस-1

डॉक्टर राजेश अरोड़ा की पत्नी से कोरियर डिलीवरी के नाम पर फ्राड हो गया है। 25 सितंबर को ऑनलाइन सामान ऑर्डर किया था। सामान नहीं आने पर गूगल पर दिए नंबर पर संपर्क किया गया, जिसके कुछ ही देर बाद एक नंबर से फोन आया। उसने घर का पता गलत होने के चलते सामान डिलीवर नहीं होने की बात कही।

उसकी बातों में आकर घर का अड्रेस शेयर करने के लिए भेजे गए एनी डेस्क एप के लिंक को डाउनलोड कर लिया। इसके बाद खाते से 14 हजार 9 सौ 29 रुपए कट गए।

केस-2

रांची के रहने वाले शमीम अंसारी के मोबाइल पर बैंक अकांउट ब्लॉक होने संबंधित मैसेज आया। अकाउंट रीओपन करने के लिए कुछ जानकारियां मांगी गई, जिसे ऑनलाइन भरने को कहा गया। शमीम ने ठग की बातों में आकर अपनी सारी जानकारी शेयर कर दी। इसके बाद उनके खाते से 39 हजार रुपए काट लिए गए। शमीम ने जब बैंक जाकर पता किया तो उन्हें मालूम हुआ कि अकाउंट ब्लॉक हुआ ही नहीं है।

अवेयरनेस से ही साइबर फ्रॉड से बचा जा सकता है। अपनी निजी जानकारी किसी से साझा न करें। ओटीपी भी किसी को नहीं बताएं।

-यशोधरा, डीएसपी, साइबर सेल