रांची (ब्यूरो): जी हां, रिम्स प्रशासन ने सेंट्रल इमरजेंसी में बेड बढ़ाने का निर्णय लिया है। इसके तहत सेंट्रल इमरजेंसी का दायरा ग्राउंड फ्लोर से बढ़ाकर फ स्र्ट फ्लोर तक किया जाएगा। साथ ही फ स्र्ट फ्लोर में 40 नई बेड लगाई जाएंगी, ताकि गंभीर मरीजों को बेड की समस्या ना हो। वर्तमान में इमरजेंसी में 29 बेड हैं इस कारण गंभीर मरीजों को भर्ती करने में परेशानी होती है। अब बेड की संख्या बढ़ाने पर मरीजों को एडमिट करने में परेशानी नहीं होगी। सेंट्रल इमरजेंसी में बेड की संख्या बढक़र 69 हो जाएगी।

दूर होगी बेड की किल्लत

राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में इमरजेंसी वार्ड हमेशा फु ल रहता है। हालत यह होती है कि इमरजेंसी के मरीजों को इमरजेंसी होने के बावजूद इलाज के लिए इंतजार करना पड़ता है। मरीजों की परेशानी को देखते हुए रिम्स प्रशासन ने इमरजेंसी वार्ड और बेड बढ़ाने की तैयारी शुरू कर दी है ताकि इमरजेंसी में इलाज कराने आने वाले मरीजों को परेशानी ना उठानी पड़े। रिम्स के वर्तमान इमरजेंसी विभाग में बेड की कमी और मरीजों की संख्या 'यादा है। ऐसे में रिम्स प्रबंधन के इस फैसले से इमरजेंसी के गंभीर मरीजों को काफी राहत होगी।

अभी इमरजेंसी में भी इंतजार

वर्तमान में जो व्यवस्था चल रही है, वहां इमरजेंसी में भी मरीजों को बेड के लिए इंतजार करना पड़ता है। एक्सीडेंट, दुर्घटना के शिकार लोग इमरजेंसी में सबसे अधिक पहुंचते हैं। लेकिन वहां पहुंचने से पहले बेड फुल रहती है। इमरजेंसी से जब तक वार्ड में मरीज को भेजा नहीं जाता है। गंभीर मरीज को भी इंतजार करना पड़ता है। अब बेड की संख्या बढऩे से गंभीर मरीजों के अस्पताल पहुंचते ही इलाज शुरू हो जाएगा।

पहले कोविड वार्ड था

नई दिल्ली एम्स की तर्ज पर रिम्स में ट्रामा सेंटर एंड सेंट्रल इमरजेंसी विभाग का निर्माण किया गया था। मगर ट्रामा सेंटर के शुरू होते ही कोरोना संक्रमण ने दस्तक दे दी। बीते दो वर्षो में संक्रमण की गंभीरता को देखते हुए रिम्स प्रबंधन ने न्यू ट्रामा सेंटर को कोविड वार्ड के रूप में विकसित कर दिया। ट्रामा सेंटर में अब दूसरी बीमारियों से ग्रसित गंभीर मरीजों का इलाज किया जा सकेगा।

मरीजों को मिलेगी राहत

इस सेंटर में ट्रामा और इमरजेंसी के लिए बेड रिजर्व रखी गई है, जहां पर गंभीर मरीजों के इलाज के लिए सभी इंतजाम हैं। इसके अलावा अब इस सेंटर में ही सीटी स्कैन और सेंट्रल लैब की सुविधा भी मरीजों के लिए शुरू कर दी गई है, जिसका सीधा फायदा इलाज के लिए आने वाले मरीजों को मिलेगा। वहीं गंभीर मरीजों की समय रहते जान बचाई जा सकेगी।