रांची(ब्यूरो)। बिल्डर्स ऑन टारगेट। जी हां, राजधानी रांची के जमीन कारोबारी और बिल्डर क्रिमिनल्स के निशाने पर हैं। हाल ही में सिटी के चार बड़े कारोबारियों से रंगदारी मांगी गई है। कहा गया कि पैसे दो वर्ना जान से जाओ। इस संबंध में थाने में मामला भी दर्ज कराया गया है। अपराधियों ने एक कारोबारी के घर बम से हमला भी किया, लेकिन पुलिस का कहना है कि वह एक मामूली पटाखा है। क्रिमिनल्स की धमकियों से कारोबारियों में दहशत का माहौल है। वहीं रांची पुलिस द्वारा सुरक्षा नहीं मिलने की बात भी कही जा रही है।

पुलिस नहीं दे रही सुरक्षा

कारोबारियों का कहना है, पुलिस उन्हें सुरक्षा नहीं दे पा रही है। थाने में रंगदारी का केस दर्ज कराने के बाद भी पुलिस इसे गंभीरता से नहीं लेती है। जिसका नतीजा है कि अपराधियों का दुस्साहस दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है। उनकी मांगें पूरी नहीं करने पर जान से मारने की धमकी भी दी जा रही है। इससे पहले भी कई कारोबारियों को टारगेट किया गया है। लेकिन पुलिस इसे गंभीरता से नहीं ले रही है।

कोबरा गैंग का खौफ

रांची में जिस गैंग द्वारा चार कारोबारियों से रंगदारी मांगी गई है। उसे कोबरा गैंग बताया जा रहा है। सिटी के अलग-अलग इलाकों में रहने वाले जमीन कारोबारियों से एक-एक करोड़ रुपए की रंगदारी मांगी गई है। कारोबारियों को डराने के लिए एक कारोबारी के घर पर बम भी फेंका गया है। इस मामले में कारोबारियों के बयान पर नगड़ी और पुंदाग थाने में केस भी हुआ है। हालांकि पुलिस को मामले में अब तक कोई सफलता नहीं मिली है।

क्या है मामला

पुलिस ने बताया कि नगड़ी के रहने वाले कारोबारी अखिलेश, डोरंडा के हीरालाल, पुंदाग के राजेश और पुंदाग में ही रहने वाले मोहन शर्मा से रंगदारी की मांग की गई है। वहीं मोहन शर्मा के घर पर बम फेंक कर दहशत फैलाने का प्रयास किया गया। कारोबारी इसे बम बता रहे हैं, जबकि पुलिस का कहना है वह एक मामूली पटाखा था। बहरहाल सच्चाई तो जांच के बाद ही सामने आएगी। लेकिन इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि अपराधियों के मन में कानून और पुलिस को लेकर कोई भय नहीं है। उल्टे ये लोग जब चाहे तब शहर में आतंक मचा सकते हैं।

सोशल मीडिया बना जरिया

समय के साथ भले ही पुलिस अपडेट न हो, लेकिन अपराधी बिना वक्त गंवाए अपडेट हो जाते हैं। सूचनाओं के आदान-प्रदान और मनोरंजन के लिए बने विभिन्न ऐप का प्रयोग अपराधी अपनी पहचान छिपाने के लिए आसानी से कर रहे हैं। पुलिस को भी इसके लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ रही है। अपराधियों के लिए फेसबुक मैसेंजर, व्हाट्सअप कॉलिंग और इंस्टाग्राम जैसे ऐप फायदेमंद साबित हो रहे हैं। गैंगस्टर्स फोन कॉलिंग का नार्मल तरीका छोड़कर ऐप के माध्यम से बातचीत करने का फार्मूला अपना रहे हैं। पीडि़त चारों कारोबारियों को अपराधियों ने व्हाट्सअप कॉलिंग की मदद से रंगदारी देने को कहा है। नहीं देने पर नतीजा भुगतने को भी तैयार रहने के मैसेज आ रहे हैं। एक ही प्लेटफॉर्म के इस्तेमाल से पकड़े जाने का डर बना रहता है। इसलिए अपराधी हमेशा आगे की सोच के साथ काम कर रहे हैं। खासकर संदेश आदान-प्रदान का माध्यम लगातार बदलते रहते हैं। इन दिनों व्हाट्सअप और इंस्टाग्राम के बढ़ते क्रेज ने अपराधियों को भी अपनी ओर मोड़ लिया है। इतना ही नहीं, वे लोग अपने टारगेट को भी इन सोशल प्लेटफार्म में ट्रेस करते रहते हैं। फेक आईडी के माध्यम से बड़े कारोबारियों पर भी नजर रखने में आसानी हो जाती है। वहीं पुलिस से भी बचने में इन्हें मदद मिलती है।

पुलिस पड़ताल में जुट गई है। उस नंबर का भी पता लगाया जा रहा है, जिससे रंगदारी की मांग की गई है। टेक्निकल सेल की मदद से अपराधियों की छानबीन करवाई जा रही है। वहीं, कोबरा गैंग का भी डिटेल निकालने में पुलिस जुटी हुई है। सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं।

-चंदन सिन्हा, एसएसपी, रांची