रांची (ब्यूरो)। विश्व स्तन कैंसर, जागरूकता माह अक्टूबर के अंतर्गत मारवाड़ी कॉलेज की एनएसएस यूनिट, टाटा ट्रस्ट व झारखंड सरकार की ओर से स्थापित रांची कैंसर अस्पताल व रिसर्च सेंटर की कार्यशाला गांठ पर ध्यान का आयोजन किया गया। रिसर्च सेंटर पहुंचे स्टूडेंट्स को महिलाओं में बढ़ते अलग-अलग कैंसर से विस्तारपूर्वक अवगत कराया गया। वहां के डॉक्टर द्वारा अलग-अलग वार्ड कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी आदि में ले जाया गया और वहां के कैंसर से पीडि़त मरीजों से लाइव बातचीत कराकर यह विश्वास दिलाया गया कि आज के आधुनिक युग में हर तरह के कैंसर का कंप्लीट इलाज संभव है। वहीं, मारवाड़ी कॉलेज के प्राचार्य डॉ मनोज कुमार ने कहा कि जागरूकता ही बचाव का उत्तम साधन है। हमारे कॉलेज की एनएसएस यूनिट की छात्राओं ने जो भी सीखा, उसे अपनी जीवन शैली में शामिल करेंगी। लोगों को जागरूक करके समाज निर्माण में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करेंगी।

बाहर का खाना न खाना

बताया गया कि वर्तमान में कामकाजी महिलाएं समय के अभाव में खुद और बच्चों को बाहर का पिज्जा, बर्गर, चाऊमीन, कोल्ड ड्रिंक, डिब्बा बंद व पैक खाने की लत लगा रही हैं। इसका प्रभाव इनकी सेहत पर पड़ रहा है और कैंसर जैसी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। एक्सपर्ट डॉ मोहन पांडे ने एक छोटा-सा उदाहरण पेश करते हुए कहा कि धुस्का, समोसा आदि पुराने उपयोग में लाए हुए तेल में ही बनाए जाते हैं, जिसमें ट्रांस फैट होता हैं जिससे कैंसर का खतरा बढ़ता है। हमें अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में रिफाइंड शुगर, सॉफ्ट ड्रिंक, प्रोसेस्ड मीट, रेड मीट, माइक्रोवेव्ड पॉपकॉर्न, पोटैटो चिप्स, फ्रेंंच फ्राइज, दीप फ्राइड खाना, मैदा, स्मोकिंग व अल्कोहल से परहेज करना चाहिए, ताकि हम कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से बचे रहें।

योग को दिनचर्या में शामिल करें

डॉ पॉल सेबेस्टियन ने स्तन कैंसर के शुरुआती लक्षणों को जांचने का सही तरीका बताया। कहा कि हमें योग प्राणायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए और बाहर के खाने से दूर रहना चाहिए। अगर हम इन बातों का ध्यान रखते हैं तो हमारा शरीर स्वस्थ रहेगा और स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का वास होता है। स्वस्थ मन के उत्तम विचारों से ही एक उन्नत समाज का निर्माण होगा। प्रोग्राम का संचालन कॉलेज की एनएसएस यूनिट के प्रोग्राम ऑफिसर अनुभव चक्रवर्ती व टाटा ट्रस्ट टोबैको कंट्रोल यूनिट से नीरज कौशिक ने किया। प्रोग्राम की सफलता में कॉलेज की ओर से डॉ पिंकी राज साहू, डॉ लता कुमारी, रीता सिंह, जूनियर एनएसएस टीम लीडर खुशी साह, अंचल राज, पलक माहेश्वरी, वर्षा कुमारी, सीनियर वॉलेंटियर कामिनी कुमारी का अहम योगदान रहा।