रांची(ब्यूरो)। राजधानी में क्राइम कंट्रोल के लिए लगातार नई-नई पहल की जा रही है। अपराधियों पर नजर रखने और धर-पकड़ करने में मदद के उद्देश्य से सिटी में करीब 700 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। अब राजधानी के आउटर इलाकों में भी सीसीटीवी कैमरे से निगहबानी की तैयारी है। पुलिस मुख्यालय की ओर से इसका निर्णय लिया गया है। राजधानी के आउटर इलाकों में करीब 200 सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। इसके लिए विभिन्न थाना एवं ओपी प्रभारियों को जगह चिन्हित करने के निर्देश दिए गए हैं। राजधानी रांची में लगातार हो रही अपराधिक वारदातों पर अंकुश लगाने में पुलिस जुट गई है। अपराधियों को दबोचने के लिए पुलिस कैमरे की मदद लेगी। रांची पुलिस की ओर से इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। सिटी एसपी राजकुमार मेहता ने सभी थाना एवं आउट पोस्ट के प्रभारियों के साथ बैठक कर इस बाबत निर्देश जारी किया है। पंडरा ओपी, पुंदाग, खेलगांव, बीआईटी और तुपुदाना ओपी के प्रभारियों को कैमरों के लिए स्थान चयन कर इसकी रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है।

सेंसेटिव इलाकों में फोकस

कैमरे लगाने का ब्लू प्रिंट तैयार कराया जा रहा है। वैसे स्थान जहां ज्यादा आपराधिक वारदात होती है या फिर जिस सड़क का इस्तेमाल अपराधी भागने के लिए करते हैं। उन सभी स्थानों में कैमरा लगाए जाने की योजना है। इसी महीने इसे शुरू किया जाएगा। थाना प्रभारियों को स्थान चिन्हित कर तीन दिनों में रिपोर्ट देने को कहा गया है। इसके बाद टेंडर प्रक्रिया की जाएगी, एवं कैमरा इंस्टाल किया जाएगा। सभी कैमरों की कंट्रोलिंग धुर्वा में बने कंट्रोल ऑफिस से ही होगी। आउटर इलाकों के अलावा सिटी के अंदर भी कुछ स्थान ऐसे हैं जहां कैमरे नहीं लगाए गए हैं। वहां भी कैमरा लगाने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए भी थाना प्रभारियों से सेंसेटिव स्थान की लिस्ट मांगी गई है। वहीं जिस सड़क का इस्तेमाल अपराधी भागने के लिए ज्यादा करते हैं या फिर जहां ज्यादा क्राइम होते हैं उन सभी स्थानों को भी कैमरे से लैस किया जाएगा।

एंट्री प्वाइंट की निगरानी

अपराधियों पर नकेल कसने के लिए पुलिस हर संभव प्रयास कर रही है। इसके लिए पूरे शहर और आसपास में भी कैमरे का जाल बिछाया जा रहा है। आउटर इलाकों के अलावा शहर के एंट्री प्वाइंट पर भी कैमरा लगाया जाएगा। एंट्री प्वाइंट पर हाई रेजोल्यूशन कैमरा इंस्टाल किए जाएंगे। सिटी एसपी ने सभी थाना प्रभारियों के साथ बैठक कर निर्देश जारी कर दिया है। दो दिनों के अंदर सभी एंट्री प्वाइंट चिन्हित कर रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है। दरअसल शहर के अंदर और मुख्य चौक-चौराहों पर कैमरे तो लगे हैं, लेकिन एंट्री प्वाइंट पर अबतक कैमरा नहीं लगाया गया है, जिससे अपराधी बड़ी आसानी से गलियों से होते हुए एंट्री या एग्जिट प्वाइंट पर निकलते हुए फरार होने में सफल हो जाते हैं। कैमरा लग जाने से यह फायदा होगा कि शहरी क्षेत्र में क्राइम करने के बाद अपराधी जब आउटर रोड से होते हुए भागेंगे तो पुलिस को इसकी जानकारी मिल जाएगी। इसके बाद संबंधित इलाके के थाना प्रभारी को तत्काल सूचित कर अपराधियों की धर-पकड़ शुरू कर दी जाएगी।

इन इलाकों में लगेंगे सीसीटीवी कैमरे

धुर्वा, तुपुदाना, हटिया, बीआईटी मेसरा, बूटी मोड़, कांके, नगड़ी, रातू, दलादली, पिठोरिया, पिस्का मोड़, पंडरा, नामकुम, खेलगांव, टाटीसिल्वे, ओरमांझी, चिरौंदी, बोड़ेया और कटहल मोड।

शहर में पहले से लगे हैं 700 कैमरे

राजधानी रांची में अपराधियों पर नजर रखने के लिए अलग-अलग स्थानों पर करीब 700 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए है। लेकिन अबतक कोई भी मामला ऐसा सामने नहीं आया है, जिसमे पुलिस ने इन कैमरों की मदद से अपराधियों को शिनाख्त की हो या फिर धर-पकड़ भी किया हो। कैमरा लगे करीब चार साल बीत चुके हैं। लेकिन सिर्फ ट्रैफिक वॉयलेशन करने वालों के घरों तक आनलाइन चालान भेजने के अलावा इसका और कोई इस्तेमाल नहीं हो सका है। क्राइम इंवेस्टीगेशन में पुलिस प्राइवेट कैमरे के फूटेज खंगालती है। फूटेज मिलने के बाद भी पुलिस अपराधियों को पकडऩे में सफल नहीं रही है। कैमरे लगाने के नाम पर करोड़ो रुपए खर्च कर दिए गए है। अक्सर इन कैमरों में कुछ न कुछ खराबी रहती है। जिस कारण राजधानी रांची का सर्विलांस सिस्टम ज्यादातर समय फेल ही रहता है।

सिटी के आउटर रोड ओर एंट्री प्वाइंट पर कैमरे लगाए जाने हैं। इसके लिए थाना प्रभारियों के साथ बैठक कर निर्देश दे दिया गया है।

-राजकुमार मेहता, सिटी एसपी, रांची