RANCHI: मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने निर्देश दिया है कि हर हेल्थ सेंटर का कैचमैंट एरिया चिन्हित करें। सुनिश्चित करें कि हर सहिया व एएनएम प्रसूति महिलाओं को संस्थागत प्रसव के लिए स्वास्थ्य केन्द्र ले जाएं। वह शनिवार को संस्थागत प्रसव व नियमित प्रतिरक्षण में बढ़ोतरी के लिए समाज कल्याण विभाग तथा स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग में सभी सिविल सर्जन, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी व अन्य को संबोधित कर रही थीं।

सेविका-सहायिका का लक्ष्य तय हो

मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि आंगनबाड़ी सेविकाओं व सहियाओं को हर महीने लक्ष्य दें, ताकि आंगनबाड़ी केन्द्रों में ज्यादा से ज्यादा प्रसूति महिलाओं व नवजात शिशुओं के आंकड़े उपलब्ध हो सके। सुनिश्चित किया जाए कि किस एएनएम और सहिया ने कितने संस्थागत प्रसव में अपना योगदान दिया है। ज्ञात हो कि एक माह पूर्व दिए गए निर्देश के आलोक में संस्थागत प्रसव में वृद्धि दर्ज की गई है। जहां-जहां टीकाकरण का कार्य बचा हुआ है, वहां मिशन मोड में कार्य पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि सभी स्तर के पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों की जवाबदेही सुनिश्चित की जाए, ताकि संस्थागत प्रसव, नवजात शिशुओं का सर्वेक्षण किया जा सके।

हेल्थ डार्क एरिया चिन्हित करें

सीएस ने कहा कि राज्य में ऐसे डार्क एरिया को भी चिन्हि्त किया जाना चाहिए, जहां स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध नहीं है या संसाधन, भवन आदि की कमी के साथ-साथ जटिल रास्तों से लोगों को गुजरकर इलाज के लिए दूर जाना पड़ता है। उन्होंने विभाग के पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि गुदड़ी प्रखंड जाकर निरीक्षण करें तथा वहां की ग्राउंड रिपोर्ट दें। ममता वाहन की संख्या भ् हजार करने का भी उन्होंने निर्देश दिया, ताकि सुदूर ग्रामीण इलाकों में भी ममता वाहन सुलभ कराए जा सकें। विदित हो कि फिलहाल राज्य में ख्ब्00 ममता वाहन हैं। बैठक में मुख्य रूप से सचिव समाज कल्याण विभाग एमएस भाटिया, स्वास्थ्य विभाग के आशीष सिंहमार सहित कई पदाधिकारी उपस्थित थे।