RANCHI: कोरोना के सस्पेक्टेड केस राजधानी में आने के बाद से हेल्थ डिपार्टमेंट तो अलर्ट है। वहीं रिम्स ने भी अपनी ओर से पूरी तैयारी कर रखी है। यही वजह है कि डॉक्टर से लेकर स्टाफ और सिक्योरिटी गा‌र्ड्स भी प्रीकॉशन लेकर काम कर रहे हैं। वहीं हर किसी को मास्क लगाकर काम करने का निर्देश दिया गया है ताकि वे किसी भी तरह के इंफेक्शन की चपेट में न आएं। इतना ही नहीं, 20 हजार मास्क का ऑर्डर भी रिम्स प्रबंधन ने कर दिया है। वहीं तीन से चार दिन के अंदर मास्क सप्लाई की संभावना जताई गई है।

आइसोलेशन वार्ड में केमिकल का छिड़काव

पेइंग वार्ड के थर्ड फ्लोर को आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। जहां पर नैपसैक स्प्रे की मदद से केमिकल का छिड़काव किया जा रहा है, जिससे कि आइसोलेशन वार्ड को सैनिटाइज किया जा सकेगा। उसमें रखे जाने वाले मरीजों व आसपास के लोगों को भी कोई इंफेक्शन होने की संभावना खत्म हो जाए।

सैनिटाइजर की भी डिमांड बढ़ी

भीड़ वाली जगहों पर जाने से बचने के साथ ही हाथ मिलाने से भी परहेज करने को कहा गया है। अगर हाथ मिलाते भी हैं तो सैनिटाइजर का यूज करने की सलाह दी जा रही है। इस चक्कर में स्प्रिट वाले हैंड सैनिटाइजर की डिमांड काफी बढ़ गई है। वहीं दुकान वालों ने इसके लिए तत्काल ऑर्डर कर दिया है। हालांकि उन्हें इस बात का भी डर सता रहा है कि कहीं स्टॉक आने के बाद सैनिटाइजर बेचना मुश्किल न हो जाए।

मेडिकल स्टोर में मास्क की कमी

राजधानी में एक हजार से अधिक मेडिकल स्टोर चल रहे हैं, जहां पर डिस्पोजेबल और वॉशेबल मास्क मिलते हैं। लेकिन कोरोना की आहट से ही अचानक मास्क की डिमांड बढ़ गई है। सबसे ज्यादा छोटे बच्चों को मास्क पहनाकर रखा जा रहा है। वहीं बड़े-बुजुर्ग भी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मास्क पहन रहे हैं। इस वजह से सिटी की दुकानों में मास्क की कमी हो गई है। वहीं होलसेलर दुकानों में भी डिमांड अधिक होने के कारण रेट बढ़ाकर बिक्री की जा रही है। इसके अलावा यह भी बताया गया कि रोडसाइड दुकानों में जो मास्क बेचे जा रहे हैं वो किसी तरह के इंफेक्शन से बचाव नहीं करते हैं।