रांची(ब्यूरो)। रांची में रेमडेसिविर इंजेक्शन एक्सपायर होने के बाद अब कोरोना वैक्सीन भी एक्सपायर होने वाली है। जी हां, कोरोना का टीका लेने के लिए लोग पहले की तरह आगे नहीं आ रहे हैं, इसलिए भारत सरकार द्वारा कोरोना टीका का जो स्टॉक राज्य सरकार को दिया गया था, उसके एक्सपायर होने का खतरा बढ़ गया है। इसमें कोविशिल्ड का टीका राज्य को पहले मिला है, इसलिए यह पहले एक्सपायर करेगा। इस साल के फरवरी महीने में रेमडेसिविर इंजेक्शन भी एक्सपायर हुआ है।

टीका नहीं ले रहे लोग

कोरोना की धीमी वैक्सीनेशन के कारण झारखंड को आवंटित वैक्सीन के 34 लाख से अधिक खुराक का एक बड़ा हिस्सा उपयोग नहीं होने की वजह से बर्बाद होने का डर है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कुछ लोग वैक्सीन लेने से इनकार करते हैं, जिस वजह से इस विशेष अभियान की गति धीमी हो गई है।

अभियान नहीं पकड़ रहा जोर

झारखंड ने मिशन मोड पर टीकाकरण कवरेज में सुधार के लिए एक जून से हर घर दस्तक कार्यक्रम शुरू किया है। हालांकि 12-14 और 15-17 आयु वर्ग के लोगों के साथ-साथ एहतियाती खुराक के लाभुकों की गति धीमी रहती है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी राज्य को आवंटित खुराक जो अगले 6 महीने में एक्सपायर हो जाएगी, उस पर चिंता जताई है।

फैक्ट फाइल

1,03,300 डोज जुलाई में ही बर्बाद होगी

अगस्त में 69,570 खुराक हो जाएगी बेकार

सितंबर में 6,41,860 डोज बेकार होने का खतरा

नवंबर में 4,80,130 डोज होगी यूजलेस

दिसंबर में 7,45,400 खुराक बर्बाद होने का खतरा

दिसंबर 2022 तक कुल 34,76,340 खुराक होगी एक्सपायर

कई ने नहीं लिया टीका

फ्र ंटलाइन वर्कर और हेल्थ केयर वर्कर जो टीका लेने के पात्र हैं, वे भी अपनी एहतियाती खुराक के लिए नहीं आए हैं। जिससे गति धीमी हो रही है। विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि जिलों को उन खुराकों का उपयोग करने के लिए निर्देशित किया गया है, जिसका एक्सपायरी का समय कम बचा है, ताकि यह बेकार न हो जाए।

इन श्रेणियों के लोग पीछे

इस बीच जो श्रेणियां अभी भी टीकाकरण के कवरेज से पीछे है उनमें 12-14 आयु वर्ग के साथ-साथ 15-17 आयु वर्ग के अलावा एहतियाती खुराक के लिए पात्र लोग हैं, जिनमें हेल्थ वर्कर, फ्रं टलाइन वर्कर और 60 वर्ष से अधिक आयु के लोग शामिल हैं।

प्रिकॉशनरी डोज सबसे कम

स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार 12-14 आयु वर्ग के लाभार्थियों में से 49 प्रतिशत को पहली खुराक दी गई है। जबकि दूसरी खुराक में यह मात्र 17 प्रतिशत है। वहीं 15-17 आयु वर्ग में पहली और दूसरी खुराक के लिए कवरेज 61 और 36 प्रतिशत है। सभी में सबसे कम एहतियाती खुराक कवरेज है, जिसमें राच्य में कुल लाभार्थियों में से केवल नौ प्रतिशत ही लाभ उठा रहे हैं।

फरवरी में एक्सपायर हुआ है रेमडेसिविर

कोरोना की दूसरी लहर में रेमडेसिविर इंजेक्शन नहीं मिलने के कारण कई लोगों की जान चली गई। वहीं इस साल एक भी व्यक्ति को रांची में रेमडेसिविर की जरूरत नहीं पड़ी। नतीजा यह हुआ कि फ रवरी महीने में रेमडेसिविर इंजेक्शन एक्सपायर कर गया। रांची जिला प्रशासन के पिछले साल जुलाई महीने में ही रेमडेसिवर इंजेक्शन का स्टॉक उपलब्ध कराया था। पिछले साल कोरोना में सबसे अधिक रेमडेसिविर की जरूरत महसूस की गई थी, अधिकतर लोग जो कोरोना से संक्रमित हो रहे थे, वो एक रेमडेसिविर इंजेक्शन लेने के लिए हर तरह का प्रयास कर रहे थे।

कोरोना टीका लेने वाले लोगों की रफ्तार कम है, इसलिए कोविशिल्ड का कुछ स्टॉक इस साल के अंत तक में एक्सपायर होने की उम्मीद है। लेकिन अभी हमारे पास समय है, टीकाकरण को तेजी से चलाने का काम किया जा रहा है।

-विनोद कुमार, सिविल सर्जन, रांची