RANCHI:राजधानी रांची में बीते 21 दिनों के आंशिक लॉकडाउन के बाद संक्रमण के मामलों में कमी दिखने लगी है। पिछले तीन-चार दिनों में संक्रमण के मामलों में गिरावट आई है। वहीं रिकवरी रेट में भी इजाफा हुआ है, जो एक राहत भरी खबर है। रांची में जहां हर दिन 1100 से 1200 संक्रमण के मामले आ रहे थे वहीं दस मई को 526, ग्यारह मई को 578 नए मामले आए, जबकि सिर्फ मंगलवार को 2169 लोग ठीक होकर घर लौट आए हैं। 22 अप्रैल से सिटी में आंशिक लॉकडाउन लगा हुआ है। बेवजह लोगों को घरों से निकलने पर मनाही है। लगभग हर कारोबार व ट्रांसपोर्टेशन बंद है। इसी का नतीजा है कि संक्रमण की चेन टूटने लगी है। लेकिन अब भी लोगों को सावधानी बरतनी जरूरी है। थोड़ी भी लापरवाही इस महामारी को भयंकर रूप दे सकती है।

20 दिनों में 19 हजार स्वस्थ

22 अप्रैल को रांची समेत पूरे राज्य में एक हफ्ते के लिए स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह लनाने का आदेश जारी हुआ, जिसमें शहर में आंशिक लॉकडाउन की स्थिति रही। हालत सुधार नहीं होने कारण दो बार इसे बढ़ाया भी जा चुका है। बीते 20 दिनों में कोरोना संक्रमण के 24096 मामले सामने आए, जिसमें 19825 कोरोना संक्रमित मरीज ठीक होकर लौट भी चुके हैं। वहीं, इन 20 दिनों में 869 मरीज जान गंवा चुके हैं। आंकड़ों में राहत देने वाली बात यह है कि रांची में रिकवरी रेट अ<स्हृद्द-क्तञ्जस्>छी रही। लगभग तीन हजार मरीज अलग-अलग हॉस्पिटल्स में अपना इलाज करवा रहे हैं। वहीं कई ऐसे भी लोग हैं, जिन्होंने घर पर ही खुद को आइसोलेट किया और बीमारी पर विजय पाई है।

हॉस्पिटल में अब मारामारी नहीं

एक हफ्ते पहले रांची की जो तस्वीर थी, वो आज नहीं है। हॉस्पिटल में बेड के लिए मारामारी नहीं हो रही है। ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए यहां-वहां भाग नहीं रहे हैं। श्मशान घाट और कब्रिस्तान में लाइन नहीं लगानी पड़ रही है। हालांकि, मौत के आंकड़ों में कोई खास कमी नहीं हुई है। अब भी औसत 35-40 लोग हर दिन मर ही रहे हैं। मई के दूसरे सप्ताह से संक्रमण दर में कमी हुई है। हॉस्पिटल्स और टेस्ट सेंटर के बाहर लगने वाली भीड़ अचानक कम हो गई है। जांच सेंटर पर हफ्ते भर पहले तक हर दिन 400 से 500 लोग पहुंच रहे थे वहीं इन दिनों लगभग 100 लोग ही टेस्ट कराने आ रहे हैं। ऑक्सीजन सिलेंडर की खपत में भी कमी आई है। रांची में जहां चार हजार से <स्हृद्द-क्तञ्जस्>यादा सिलेंडर की खपत हर दिन हो रही थी वहीं अब घटकर 3500 रह गई है।

रांची में बढ़ी 1200 ऑक्सीजन बेड

हॉस्पिटल में बेड के लिए लोगों को <स्हृद्द-क्तञ्जस्>यादा परेशान नहीं होना पड़ रहा है। एक हफ्ते पहले हॉस्पिटल में एक-एक बेड के लिए लोग परेशान हो रहे थे। आम से लेकर खास तक हर कोई यहां-वहां मिन्नतें कर रहा था। वहीं इन दिनों बेड आसानी से अवेलेबल हो रहे हैं। कई हॉस्पिटल तो ऐसे है जहां बेड खाली पड़ी हैं लेकिन मरीज नहीं आ रहे। बीते कुछ दिनों में बेड बढ़ाने से लेकर ऑक्सीजन के क्षेत्र में काफी काम हुआ है। रांची में लगभग 1200 ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड बढ़ाई गई हैं। हालांकि, वेंटिलेटर बेड के लिए परेशानी अब भी बनी हुई है। इसके अलावा मेडिसीन की समस्या अब भी लोगों को हो रही है। दवा की मांग में कोई कमी नहीं आई है। जिंक, विटामिन सी और विटामिन डी की डिमांड बरकरार है।

स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह

फ‌र्स्ट वीक

पॉजिटिव रिकवर डेथ

10965 5505 330

सेकेंड वीक

पॉजिटिव रिकवर डेथ

8226 6286 303

थर्ड वीक

पॉजिटिव रिकवर डेथ

4905 8034 236

बीते 20 दिनों में

टोटल पॉजिटिव रिकवर डेथ

24096 19825 869