रांची (ब्यूरो): कॉलेज के समय स्कूल-कॉलेज गेट के बाहर मनचलों का जमावड़ा लगा रहता है। ऐसे में गर्ल स्टूडेंट्स के साथ अक्सर छेड़छाड़ व फब्तियां कसना आम बात हो गई है। इस मुद्दे पर कई बार सुरक्षा बढ़ाने व पीसीआर तैनात करने वाले पुलिस अधिकारियों के दावे भी खोखले दिखाई देते हैं। बार-बार आ रही शिकायतों के बाद दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम ने शहर के अलग-अलग इलाकों में स्थित कॉलेज का रियलिटी चेक किया। इस दौरान एक-दो कॉलेजों को छोडक़र सिटी के बाकी कॉलेजों में सिक्योरिटी गार्ड तक नजर नहीं आया। कॉलेज छुट्टी के समय मनचले गेट के बाहर ही मंडराते मिले।

दुकानों में लगता है जमावड़ा

सिटी के सभी कॉलेजों के सौ मीटर के दायरे में दर्जनों दुकानें हैं, जहां मजनुओंं और मनचलों को जमावड़ा लगता है। कॉलेज के इर्द-गिर्द ही चाय-सिगरेट की कई दुकाने हैं, जहां बैठकर युवा नशा पान करते हैं और आने-जाने वाली लड़कियों पर कमेंट पास करते हैं। रांची वीमेंस कॉलेज के आस-पास भी कई ऐसे दुकाने हैं, जहां मनचले बैठकर स्मोकिंग करते हैं। जबकि कोटपा एक्ट के तहत शैक्षणिक संस्थानों के आस-पास किसी तरह के नशे की दुकानों होना गैरकानूनी है। प्रशासन और नगर निगम की लापरवाही का नतीजा है कि बेखौफ ऐसी दुकानें शैक्षणिक संस्थानों के आस-पास संचालित हो रही हैैं।

लोक-लाज है वजह

लोक लाज की वजह से ज्यादातर लड़कियां ईव-टीजिंग की शिकायतें नहीं करती हैैं। कंप्लेन नहीं होने के कारण छेड़छाड़ करने वालों लडक़ों पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाती है। इसका नतीजा है कि वे लगातार इस प्रकार की घटनाओं को अंजाम देते रहते हैं। कॉलेज के आस-पास कभी-कभार पीसीआर वैन दिख जाती है, लेकिन पुलिस पीसीआर से बाहर निकलना भी जरूरी नहीं समझते। पुलिस विभाग की प्लानिंग के मुताबिक, कॉलेजों के आसपास पीसीआर की तैनाती कंपलसरी है, ताकि छेडख़ानी की घटना होने पर तुरंत एक्शन लिया जा सके, लेकिन पुलिस का अपना रोना है। पुलिस विभाग कहता है कि विभाग के पास पर्याप्त जवान नहीं है इसलिए हर कॉलेज, स्कूल के बाहर पुलिस देना संभव नहीं है।

ऐसा दिखा कॉलेज के बाहर का नजारा

रांची कॉलेज

कॉलेज के इर्द-गिर्द कई अंजान युवक मंडराते दिखे। गेट के अगल-बगल भी युवकों का जमावड़ा था। कॉलेज के आस-पास छोटी-छोटी दुकानों में लडक़े अड्डेबाजी करते दिखे। कॉलेज कैंपस में आने-जाने पर भी किसी को कोई रोक नहीं है। कोई भी इंसान अंदर जा सकता है। कॉलेज के आस-पास न तो कोई पीसीआर खड़ी दिखी और न ही पुलिस के जवान।

डीएसपीएमयू

मोरहाबादी स्थित डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी यूनिवर्सिटी (डीएसपीएमयू)में भी सुरक्षा के नाम पर कोई पुख्ता इंतजाम नजर नहीं आया। एक सिक्योरिटी गार्ड जरूर तैनात था, लेकिन वह किसी भी सख्स से कोई पूछताछ नहीं कर रहा था। कॉलेज कैंपस में कोई भी सख्स आना-जाना कर सकता है। कॉलेज के आस-पास की छोटी-छोटी दुकानों में लडक़े अड््डेबाजी करते दिखे। कॉलेज के आस-पास पुलिस का कोई बंदोबस्त नजर नहीं आया।

डोरंडा कॉलेज

डोरंडा कॉलेज में कुछ दिन पहले ही लड़कियों के साथ छेड़छाड़ की घटना घटी है। इसका विरोध करने पर बदमाश लडक़ों ने प्रोफेसर की ही पिटाई कर दी थी। इससे नाराज होकर कॉलेज के प्रोफेसर आरोपियों के गिरफ्तारी की लगातार मांग कर रहे हैं, लेकिन फिर भी अबतक इस कॉलेज के बाहर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम नहीं किए गए हैं। हालांकि कॉलेज के आस-पास की दुकानों को रांची नगर निगम ने हटा दिया है, जहां अड्डेबाजी होती थी।

कॉलेज गल्र्स ने कहा

गल्र्स को बिंदास होकर अपनी आवाज उठानी चाहिए। शर्म उसे आनी चाहिए, जिसने गलत काम किया है, लेकिन ज्यादातर लड़कियां ऐसा नहीं सोचतीं और चुप रह जाती हैं।

- खुशबू मिश्रा

कॉलेज गोइंग गल्र्स ही नहीं, शहर के किसी भी इलाके में लड़कियां सुरक्षित नहीं हैं। हर जगह उन्हें कमेंट सुनना पड़ता है। पुलिस भी बड़ी घटना होने तक इंतजार करती है।

- डॉली कुमारी