रांची (ब्यूरो)। साइबर अपराधियों से निबटने के लिए रांची पुलिस अब साइबर पेट्रोलिंग शुरू करेगी। जिस तरह अपराधियों से निबटने के लिए और क्राइम कंट्रोल करने के लिए शहर में पुलिस पेट्रोलिंग करती है, ठीक उसी प्रकार साइबर अपराधियों पर भी निगरानी रखने के लिए यह व्यवस्था का आगाज होगा। इसका कंट्रोल हेड क्वार्टर से होगा। मुख्यालय में इसे लेकर साइबर मॉनिटरिंग सेल व सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल का गठन कर दिया गया है। जल्द ही नया सिस्टम काम करने लगेगा। जिस प्रकार अपराधिक घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस संवेदनशील जगहों पर विशेष सर्तकता बरतती है। उसी प्रकार जहां से साइबर अपराध को अंजाम दिया जाता है। उस स्थान पर पेट्रोलिंग कर निगहबानी की जाएगी। साइबर वल्र्ड में होने वाले अपराध पर लगाम लगाने के लिए साइबर पेट्रोलिंग की शुरुआत की जा रही है।

रहेगी पुलिस की नजर

अपराधिक संगठनों पर नजर रखी जा रही है। जो लोग साइबर अपराध से जुड़े हैं, उनके सोशल मीडिया प्रोफाइल एवं पूरी एक्टिविटी पर साइबर सेल नजर रख रहा है। पुलिस मैन्यूअली एवं अलग-अलग सॉफ्टवेयर की मदद से न सिर्फ साइबर फ्रॉड बल्कि ऑनलाइन ठगी करने वाले, सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट करने वाले, उत्तेजना फैलाने वाले सभी प्रोफाइल पर अपनी नजर रखेगी। कुछ जिलों में साइबर पेट्रोलिंग की ही मदद से साइबर अपराध होने से रोका भी गया है। साथ ही अपराधी भी गिरफ्तार हुए हैं। अब रांची व दूसरे जिलों में भी यह काम करेगा।

इस साल राज्य में 617 साइबर

झारखंड में इस वर्ष साइबर अपराध के कुल 617 केस दर्ज किए गए हैं। इनमें 417 साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी हुई है। रांची समेत हर जिलों से लगातार साइबर अपराध के मामले में सामने आते रहते हैं। अलग-अलग तरीके अपना कर साइबर अपराधी लोगों को झांसे में फंसाने की साजिश रचते रहते हैं। कई लोग काफी सर्तकता के बावजूद इनके चंगुल में फंस जाते हैं और बड़ी आसानी से साइबर अपराधियों के शिकार हो जातेे हैैं। इस साल साइबर अपराधियों द्वारा लूटे गए पैसे भी वापस दिलाने में पुलिस को सफलता मिली है। पुलिस ने अलग-अलग पीडि़तों के करीब 72 लाख रुपए की वापसी कराई है।