रांची(ब्यूरो)। राजधानी रांची में अब भी कई सड़कें ऐसी हैं जिसे चकाचक होने का इंतजार है। ऐसी भी कई सड़कें हैं जो सालों से खराब पड़ी हुई हैं। इन सड़कों की रिपेयरिंग नहीं हुई है। हालांकि सिटी की प्रमुख सड़कें चकाचक की जा रही हैं लेकिन अब भी लालपुर, अपर बाजार, पत्थलकुदवा समेत कई इलाके ऐसे हैं जहां के लोग सड़क चकाचक होने की राह देख रहे हैं। कुछ ही दिनों में अलग-अलग देशों के डेलिगेट्स रांची आने वाले हैं। अगले महीने जी 20 की मीटिंग होनी है। जिसमें 20 देशों के प्रतिनिधि रांची पहुंचेंगे। जिसे देखते हुए रांची नगर निगम और जिला प्रशासन शहर को सुंदर और स्वच्छ बनाने में जुटा है। डिवाइडर का रंग-रोगन हो रहा है, लेकिन सड़क की ओर किसी का ध्यान नहीं जा रहा। कुछ सड़कों का कालीकरण नहीं हुआ तो कहीं पतली परत नहीं बिछाई गई है। इस वजह से सड़क जहां-तहां से टूटनी शुरू हो चुकी है।

सिर्फ वीआईपी रोड चकाचक

राजधानी की सिर्फ वीआईपी सड़कों को चमकाने में जुटा है पथ निर्माण विभाग और नगर निगम। इन सड़क पर भले एक गड्ढा न हुआ हो लेकिन टूटने से पहले ही इन्हें नया किया जाता है। जैसे कांके रोड और हरमू रोड की सड़कें बार-बार बनवा दी जाती हैं। लेकिन इसी की ब्रांच सड़क मरम्मती की राह देखती रह जाती है। कुछ महीने पहले जब नगर निगम चुनाव होने की सुगबुगाहट हुई उस समय दनानन शिलान्यास और उद्घाटन किए जाने लगे। लेकिन जैसे ही इलेक्शन टला, सभी वार्ड पार्षद और नगर निगम भी सुस्त पड़ गए। जिसका नतीजा है कि सड़कों का समय पर मरम्मतीकरण नहीं हो सका।

बहाने भी अजब-गजब

सिटी की सड़कों की मरम्मत में कभी बारिश तो कभी बालू की कमी बहना बनती रही है। कुछ महीने बारिश का मौसम बता कर सड़क रिपेयरिंग या बिटूमिनस के टेंडर निकले। बारिश को बीते छह माह का समय बीत चुका है। लेकिन अब भी सड़क दुरुस्त करने की ओर विभाग ध्यान नहीं दे रहा है। यही हाल रहा तो कुछ महीने बाद फिर बारिश का मौसम शुरू हो जाएगा और विभाग एक बार फिर बहानेबाजी करने में जुट जाएगा। इसी तरह बालू की किल्लत बता कर भी कई काम को बीच में ही रोक दिया गया। इसमें सड़क से संबंधित योजनाएं भी थीं। इन दिनों बालू समस्या पर भी विराम लगा है, लेकिन देखना है कि सड़क मरम्मती के लिए कब विभाग नींद से जागता है।

सरकुलर रोड महीनों से डैमेज

कचहरी से लालपुर जाने वाली सड़क सरकुलर रोड एक बार फिर टूटने लगा है। दो साल पहले ही इसकी रिपेयरिंग कराई गई थी। लेकिन क्वालिटी सही नहीं होने की वजह से फिर से सड़क बदहाल हो चुकी है। सरकुलर रोड 300 मीटर के दायरे में टूटा-फूटा है। सड़क की ऊपरी परत उखडऩे लगी है। लालपुर में पूरे दिन यंगस्टर्स का आना-जाना लगा रहता है। बारिश के मौसम में यहां वाटरलॉगिन की भी समस्या उत्पन्न हो जाती है।

अपर बाजार में भी सड़क बदहाल

राजधानी का सबसे व्यस्त इलाके अपर बाजार में भी सड़क की स्थिति कुछ ठीक नहीं है। अपर बाजार में नाली और सड़क का निर्माण कराया गया था। लेकिन फिर से सड़क बदहाल होने लगी है। इससे जुड़ी ब्रांच सड़कों की स्थिति भी ठीक नहीं है। जालान रोड में सड़क निर्माण कार्य बीच में ही रोक देने से स्थिति बिगडऩे लगी है। करीब 270 मीटर के दायरे में सड़क पर कई स्थानों पर गड्ढे हो गए हैं।

4 साल से पत्थलकुदवा रोड की मांग

मेन रोड से सटे पत्थलकुदवा की कहानी किसी से छिपी नहीं है। काफी समय से इस सड़क की रिपेयरिंग का इंतजार हो रहा है। हालांकि बीच में एक बार काम शुरू हुआ। लेकिन यहां भी घटिया क्वालिटी पर सवाल उठने के बाद काम बीच में ही रोक दिया गया। आधी सड़क बनी है आधी के बनने का इंतजार है। जितनी दूर सड़क बनी है उसका भी कालीकरण नहीं होने से खतरा बढ़ गया है। वाहनों के पहिये स्किड कर जाते हैं, जिससे दुर्घटना हो जाती है।

कोकर में भी सड़क का इंतजार

कोकर चौक से आगे सुरेंद्र नाथ सेंटेनरी स्कूल के आसपास सड़क ऊबड़-खाबड़ हो चुकी है। यहां बनाया गया ब्रेकर भी जहां-तहां से टूट गया है। वहीं कुछ ब्रेकर घिस भी चुके हैं। सड़क की परत कई जगह से उखड़ चुकी है। इन सड़कों से आमतौर पर वीआईपी का मूवमेंट नहीं होता है। जी 20 के डेलिगेट्स भी इस सडक से नहीं गुजरेंगे इस लिए यहां ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसके अलावा हरिहर सिंह रोड, रिम्स हॉस्पिटल के पीछे समेत सिटी के दूसरे इलाकों में भी सड़क चकाचक होने का इंतजार है।

सड़क दुरुस्त करने का काम चल रहा है। रोड, नाली और डिवाइडर के रंग-रोगन का काम चल रहा है। जी-20 मीटिंग को देखते हुए पहले महत्वपूर्ण सड़कों को चकाचक किया जा रहा है। जल्द ही दूसरी सड़कों पर भी काम किया जाएगा।

-राजेश कुमार, ईई, आरसीडी, रांची