रांची: सरकार ने लॉकडाउन में रियायतों के साथ छूट दे दी। इसके बाद व्यवस्था धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही है। ऑफिस शुरू हो चुके है, वहीं कंस्ट्रक्शन के काम में भी तेजी आई है। लेकिन हमारी सिटी की सड़कों की हालत काफी खराब हो चुकी हैं। कई जगहों पर केबल बिछाने और ड्रेनेज बनाने के नाम पर खुदाई तो की गई लेकिन उसे दुरुस्त करने के बजाय मैटेरियल डालकर छोड़ दिया गया। इतना ही नहीं, कई जगहों पर रोड की लेयर उखड़ गई और वहां भी गढ्डे बन गए। अब बरसात में ये गढ्डे खतरनाक हो चुके है। जिससे इतना तो तय है कि मानसून में जरा भी चूके तो हड्डी टूट जाएगी। इसके बावजूद जिम्मेवारों ने आंखें मूंद रखी हैं।

कांटाटोली

बड़ी पाइपलाइन पास कराने के लिए पूरे रोड को काट दिया गया। पाइपलाइन बिछाने का काम पूर हो गया। इसके बाद कंपनी ने खुदाई में निकला मैटेरियल डालकर अपना काम पूरा कर दिया। कंपनी ने इस गढ्डे को भरने के बारे में नहीं सोचा। आज गाडि़यां जब इस रोड से गुजरती हैं तो उसमें बैठे लोगों की एक्सराइज हो जाती है।

डंगरा टोली

एरिया की गिनती वीआईपी इलाके में की जाती है। मॉल और अपार्टमेंट भी हैं। ऐसे में जाहिर है कि इस इलाके की सड़क भी चमक रही होगी। लेकिन चौक पर एक बड़ा सा गढ्डा अधिकारियों को मुंह चिढ़ा रहा है। हर दिन इस गढ्डे की वजह से कई लोग अचानक ब्रेक लगाते हैं, जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।

बहू बाजार

यहां पर भी पानी की पाइपलाइन राइजिंग लाइन से जोड़ने का काम चल रहा था। रोड को काट दिया गया। काम खत्म हुए छह महीने बीतने को हैं। इसके बाद भी न तो इस गढ्डे को भरा गया और न ही पैचिंग की गई। इब इसका खामियाजा लोग भुगत रहे हैं। रात में तो ये गढ्डे दिखाई भी नहीं देते। अब बरसात में क्या होगा सोचा जा सकता है।

खादगढ़ा

फ्लाई ओवर के काम को लेकर पिलर का फाउंडेशन किया गया। इस चक्कर में पूरा एरिया ही गढ्डे वाला हो गया। आज फ्लाईओवर का काम बंद हो गया है। वहीं एक सर्विस रोड भी बनाया गया है। लेकिन बीच के गढ्डों को भरा नहीं गया। इस वजह से गाडि़यां अनबैलेंस्ड हो जाती हैं। वहीं ऑटो और टू व्हीलर के तो पलटने का खतरा बढ़ गया है।

पुरुलिया रोड

इस रोड में कहीं भी गढ्डे नहीं थे। आज पूरी सड़क चकाचक दिखती है। लेकिन अंडरग्राउंड केबलिंग के नाम पर एक बड़ा गढ्डा किया गया। वहीं, उसे अच्छे से भरने के बजाय केवल आईवॉश किया गया। आज ऊपर का लेयर उखड़ चुका है और गढ्डे का साइज बढ़ रहा है। इससे भी एक्सीडेंट होने की संभावना बढ़ गई है।

प्लाजा चौक

केबल बिछाने के नाम पर कुछ-कूछ दूरी में गढ्डे खोदे गए। कंपनियों ने अपना केबल बिछा लिया और गढ्डों में मिट्टी डालकर बराबर कर दिया। अब ये गढ्डे इस रोड से गुजरने वाले लोगों के लिए सिर दर्द बने हुए हैं। जहां हर थोड़ी दूर पर जाने के बाद ब्रेक लगाना लोगों की मजबूरी है। वहीं पैदल चलने वाले इससे ज्यादा परेशान हैं।