आई एक्सक्लूसिव
- सिटी के यूथ दौड़ व हेल्थ को कर रहे नजरअंदाज
- स्टेट पुलिस के 3000 पदों पर बहाली का अवसर
- रांची समेत हजारीबाग व दुमका में भी आंकड़े 50 प्रतिशत से कम
- महिलाओं की भागीदारी बहुत कम, 200 के आंकड़े भी पार नहीं
- बॉडी में चिप लगाकर दौड़ाये गये अभ्यर्थी, सीसीटीवी से की गयी मॉनिटरिंग
abhishek.sinha@inext.co.in
RANCHI (25 March) : स्टेट के यूथ हेल्थ और फिटनेस को जबरदस्त तरीके से नजरअंदाज कर रहे हैं। इतना ही नहीं, बेरोजगारी के इस दौर में मौका मिलने के बाद भी लोग पुलिस की नौकरी लेने में काफी उदासीनता दिखा रहे हैं। कुछ लोग इसके लिस् खुद को तैयार कर रहे हैं, वे भी लिखित परीक्षा तो पास कर ले रहे हैं लेकिन दौड़ और शारीरिक जांच में फिसड्डी साबित हो रहे हैं।
3000 पदों पर होनी है बहाली
झारखंड स्टेट स्टाफ सेलेक्शन कमीशन की ओर से सब इंस्पेक्टर रैंक के लिए बहाली प्रक्रिया चल रही है। इसमें 3000 यूथ के लिये सुनहरा अवसर है। रांची समेत दुमका व हजारीबाग में दौड़ व मेडिकल फिटनेस की जांच की गयी, जिसमें शामिल होने वालों में करीब 3275 लोग फेल हो गये, जबकि 3257 लोग पास हुए।
कितने पास कितने फेल
बहाली के लिये एक घंटे में 10 किमी की दौड़ लगानी थी। रांची से शामिल 2201 अभ्यर्थियों में 1088 लोग पास हुए जबिक 1113 लोग फेल हो गये। वहीं हजारीबाग से शामिल 2058 लोगों में 1020 लोग पास हुए व 1138 फेल हो गये। दुमका में करीब 2200 लोग शामिल हुए, जिनमें 1149 लोग पास हुए और 1051 लोग फेल हो गये।
जीपीएस चिप का किया गया इस्तेमाल
दौड़ में शामिल अभ्यर्थियों को जीपीएस चिप दिया गया, जिसके द्वारा पूरी मॉनिटरिंग की गयी। इसके अलावा पुलिस टीम ने वीडियो और सीसीटीवी कैमरे भी लगाये थे, जिनमें पूरी प्रक्रिया को रिकॉर्ड किया गया।
बिना प्रैक्टिस के पहुंचे दौड़ने
दौड़ की परीक्षा में शामिल होने पहुंचे कई लोग बिना प्रैक्टिस के ही पहुंच गए थे। 500 से ज्यादा लोग तो मात्र 2 किमी की दौड़ भी पूरी नहीं कर पाए।
महिलाओं की भागीदारी 100 से कम
किसी भी जोन में महिलाओं की संख्या 100 के आंकड़े को पार नहीं कर पायी। रांची में 93 महिलाओं ने जीत हासिल की जबकि हजारीबाग में 88 और दुमका में 94 महिलाएं सफल घोषित की गयीं।
खुफिया विभाग के लिए 400 लोग होंगे चयनित
3000 लोगों में क्वालिफाई करने वाले अभ्यर्थियों में से करीब 400 लोगों को स्पेशल ब्रांच में सब इंस्पेक्टर के पद पर बहाल किया जाएगा। यह क्लोज कैडर पोस्ट है, जिसमें नौकरी मिल जाने के बाद किसी का स्थानांतरण दूसरे विभाग में नहीं हो सकता।
वर्जन
लोगों में फिटनेस की भारी कमी
इतनी कम उम्र में ही लोगों में फिटनेस की भारी कमी देखने को मिल रही है जो निश्चित तौर पर चिंता की बात है।
अमोल वेणुकांत होमकर, डीआईजी, रांची
महिलाओं को भी आगे आना चाहिए, ताकि उनके योगदान से सभ्य समाज का निर्माण किया जा सके। नौकरी से अलग भी सभी लोगों को कम से कम अपने हेल्थ के प्रति जागरूक होना चाहिए।
अखिलेश झा, डीआईजी, दुमका
लोग पुलिसिंग के जरिये सेवा करें
पुलिस को बतौर एक बेहतर कैरियर के रूप में देखने से अच्छा उसके जरिये सेवा भावना को डेवलप करें। सहभागिता बढ़ाएं और सिस्टम को मजबूत बनाएं
साकेत कुमार सिंह, डीआईजी, चाईबासा