RANCHI:अंडरव‌र्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की डी कंपनी को तगड़ा झटका लगा है। 24 साल से छिपते फिर रहे दाऊद गैंग का एक सदस्य अब्दुल माजिद कुट्टी उर्फ कमाल को जमशेदपुर से गिरफ्तार कर लिया गया है। वर्ष 1997 में गणतंत्र दिवस के मौके पर गुजरात और महाराष्ट्र में विस्फोट की प्लानिंग की गई थी, जिसके लिए 1996 में भेजे गये विस्फोटकों के मामले में पुलिस को माजिद की तलाश थी। फरवरी 1996 में मेहसाणा के दूधसागर डेयरी के बांबे गेस्ट आउस पर रेड के दौरान पुलिस ने हथियारों व आरडीएक्स का जखीरा बरामद किया था। उस समय माजिद कुट्टी का एक साथी पकड़ा गया था। तब माजिद फरार हो गया था। उसी वक्त से उसकी तलाश की जा रही थी।

ऐसे बिछा गिरफ्तारी का जाल

शनिवार की रात गुजरात एटीएस ने गुप्त सूचना के आधार पर मानगो सहारा सिटी से उसे गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार करने के बाद गुजरात पुलिस उसे अपने साथ लेकर गई। गुजरात एटीएस को माजिद के जमशेदपुर में छिपे होने की सूचना मिली थी, जिसके बाद गुजरात एटीएस के डीएसपी के नेतृव में दो दिन पूर्व ही एटीएस की टीम ने जमशेदपुर के एसएसपी एम तमिलवानन से संपर्क किया। एसएसपी के निर्देश पर मानगो थानेदार विनय कुमार को टीम के साथ छापेमारी का निर्देश दिया।

फोर्ड गाड़ी से जा रहा था मजिद

इसके बाद एटीएस ने थानेदार के साथ मिलकर मानगो थाने के निकट शनिवार शाम को ही चे¨कग शुरु कर दी थी। मानगो थानेदार विनय कुमार को पता चला कि माजिद अपने सभी दस्तावेज में नाम-पता और हुलिया बदलकर घूम रहा है। इसके बाद थाने के निकट चे¨कग में फोर्ड गाड़ी से मानगो पुल से मानगो बाजार जाने के क्रम में एटीएस और जमशेदपुर पुलिस की सक्रियता से माजिद को पकड़ा गया। शनिवार शाम जिस समय वह पकड़ा गया, उस समय वह ग्रे रंग की फोर्ड गाड़ी में अकेला ही था।

पुलिस को थी पक्की सूचना

गुजरात पुलिस को पक्की सूचना मिली थी कि वह नाम-पता और माता-पिता का नाम बदल कर पिछले एक-डेढ़ साल से मलेशिया से आकर जमशेदपुर के मानगो के सहारा सिटी में रह रहा था। माजिद मूलत: केरल का रहने वाला है और 1996 में 106 पिस्टल, 750 पीस कारतूस और 4 किलो आरडीएक्स के सप्लायर के रूप में उसका नाम एक केस में आया था। इसके बाद से वह कभी दुबई, तो कभी पाकिस्तान तो कभी मलेशिया में पासपोर्ट और अन्य दस्तावेजों में नाम पता और हुलिया बदलकर पनाह लेता रहा था।

हथियारों की सप्लाई में भी शामिल

माजिद मलेशिया में इसी नाम से जाना जाता था। वह दुबई, बैंकाक के रास्ते जमशेदपुर के मानगो पहुंचा और यहां पहुंचकर उसका नाम कमाल हो गया। मानगो के सहारा सिटी में वह कमाल नाम से रह रहा था। इस नाम का पहचान पत्र व अन्य दस्तावेज भी बना चुका है। वह फर्जी पासपोर्ट बनाने में भी माहिर हैं। ऐसा माना जा रहा है कि माजिद के पकड़ में आने के बाद दाऊद के भी कई राज अब खुल सकेंगे। माजिद विदेशों में हथियार सप्लाई करता था। बताया जा रहा है कि वह दाऊद को भी कई हथियार उपलब्ध करा चुका है। वह भारत में दाऊद के सबसे करीबी में से एक माना जाता है।

लोकल टिप पर मिली सफलता

गुजरात पुलिस को माजिद के जमशेदपुर में छिपे होने की सूचना एक स्थानीय शख्स ने ही उपलब्ध कराई है। यह शख्स पिछले छह माह से माजिद की गतिविधियों पर नजर रख रहा था। सूचना पूरी तरह पुष्ट होने पर ही उसने गुजरात एटीएस को यह जानकारी उपलब्ध कराई। उसके बाद गुजरात एटीएस ने माजिद को पकड़ने के लिए जमशेदपुर पुलिस का सहारा लिया तथा वाहन चे¨कग को आधार बनाकर उसकी गिरफ्तारी की गई। एटीएस के समक्ष कई बातों को कबूल करने के बाद उसे गुजरात ले जाया गया।