रांची (ब्यूरो)। सिटी में योजनाएं तो लाई तो जाती हंै, उस पर पहल भी की जाती है, लेकिन उन योजनाओं को बेहतर तरीके से लागू करने और आगे भी संचालित करने में विभाग फिसड्डी साबित होता रहा है। ऐसी ही एक योजना हाई स्पीड में ड्राइविंग करने वालों पर नजर रखने के लिए लाई गई थी। योजना के तहत सिटी में 10 स्थानों पर स्पीड वॉयलेशन डिटेक्शन कैमरा लगाया गया था, जिन्हें बीते साल नवंबर महीने में ही एक्टिव होना था, लेकिन साल बदल गया पर कैमरे एक्टिव नहीं हुए। सेंसिटिव स्थान पर कैमरा लगाया गया है। इन कैमरों की मदद से हाई स्पीड में ड्राइविंग करने वालों पर नजर रखने के साथ-साथ उनपर कार्रवाई भी होनी थी। हालांकि अबतक एक भी चालक इन कैमरों की वजह से पकड़ में नहीं आया है। इसके पीछे की वजह कैमरे का काम नहीं करना है। वहीं कैमरा के आसपास साइन बोर्ड लगना था, वह भी अबतक नहीं लगाया जा सका है।
विभागों की उदासीनता
रिंग रोड हो या हाइवे या फिर वैसी सडकें जहां लोग रफ्तार के साथ गाडिय़ों की रेस लगाते हैं, इन जगहों की पहचान कर यहां स्पीड कैमरे इंस्टॉल किए गए हैं। राजधानी के 10 लोकेशन पर स्पीड कैमरे लगाए गए हैं, कैमरा तो लगा दिया गया लेकिन ट्रैफिक डिपार्टमेंट इसे एक्टिव करना ही भूल गया। जिस कारण कैमरे को लगाने का मकसद पूरा नहीं हो पा रहा है। कैमरे के एक्टिव नहीं होने के पीछे का कारण विभागों की उदासीनता है। ट्रैफिक विभाग जहां एनएचएआई और नगर निगम के साथ को-अॅर्डिनेशन नहीं होने की बात कहता है, वहीं स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन जल्द सामंजस्य बनाकर कैमरे एक्टिव कराने की दलील देता है।
इन स्थानों पर लगा था कैमरा
रांची के खरसीदाग, रामपुर तिराहा रिंग रोड, पंडरा से आगे रवि स्टील मार्ग, डिबडीह पुल के समीप, कांके रिंग रोड से आगे, धुर्वा गोलचक्कर, तिलता रोड, एयरपोर्ट रोड, डीपीएस ग्रेटर रांची और स्टेट गेस्ट हाउस के समीप हाई रिजॉल्यूशन वाले अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी से लैस स्पीड वॉयलेशन डिटेक्शन कैमरे लगाए गए हैं। इन कैमरों को लगे हुए करीब एक साल का वक्त बीत चुका है, लेकिन टेक्निकल प्रॉब्लम के कारण कैमरा का उपयोग नहीं हो पाया है। वहीं साइन एज और सड़क किनारे बोर्ड भी नहीं लगाया गया है। चिह्नित सभी 10 एंट्री प्वाइंट पर स्पीड लिमिट भी तय किया जा चुका है। कुछ इलाकों में 40 किमी कुछ स्थानों में 30 किमी प्रति घंटे की स्पीड से वाहन चलाने का निर्देश जारी किया गया है, लेकिन इसका पालन हो रहा है या नहीं इसे देखनेवाला कोई नहीं।
कमांड कंट्रोल से मॉनिटरिंग
स्पीड वॉयलेशन डिटेक्शन कैमरे की मॉनिटरिंग धुर्वा स्थित स्मार्ट सिटी के कमांड एंड कंट्रोल ऑफिस से होनी थी। चिह्नित जगहों पर से गुजरने वाले तेज वाहनों की तस्वीर कैद कर कैमरे कंट्रोल रूम को भेज दी जाती। नियम का उल्लंघन करने वाले लोगों के घर इस कैमरे की मदद से चालान ऑटोमैटिक पहुंच जाता। सभी कैमरों की मॉनिटरिंग के लिए अलग-अलग टीम भी तैनात करने की योजना थी। वहीं तीन बार या उससे अधिक बार गलती करने वाले के वाहन का रजिस्ट्रेशन फेल हो जाता और लाइसेंस भी रद्द कर दिया जाता, बहरहाल अबतक इनमे से किसी भी बिंदु पर काम नहीं हुआ है।
हादसे रोकने के लिए पहल
राजधानी और आसपास की सड़कों प लगातार होने वाले सड़क हादसों को देखते हुए कैमरे से इसकी निगरानी करने का निर्णय लिया गया था। बीते साल जनवरी से नवंबर महीने मेें सिर्फ राजधानी रांची में 484 सड़क हादसे हुए थे। इनमे 211 लोगों ने अपनी जान गवां दी। इसके बाद भी रफ्तार पर ब्रेक नहीं लग रहा है। इन हादसों पर कंट्रोल करने के लिए कैमरा लगाया गया था, जिससे निगरानी की जाती और नियम तोडऩे वाले लोगों पर फाइन किया जाता। ताकि लोगों में कानून को लेकर भय हो और गलती करने से बचे।

विभागों के साथ को-ऑर्डिनेट कर इस समस्या का जल्द समाधान निकाला जाएगा। कैमरे को एक्टिव कर उसकी मदद से रफ्तार पर नजर रखी जाएगी।
जीतवाहन उरांव, ट्रैफिक डीएसपी, रांची