रांची (ब्यूरो): वर्तमान में राजधानी रांची में 16 एक्टिव केसेज हैं। इनमें से 4 मरीज रिम्स में भर्ती हैं। इसके अलावा राज अस्पताल, मेडिका और आर्किड अस्पताल में भी मरीज भर्ती हैं। वहीं, कई प्राइवेट हॉस्पिटल्स में भी सस्पेक्टेड मरीजों का इलाज चल रहा है। इन मरीजों का सैंपल जांच के लिए भेजा गया है। बता दें कि जनवरी 2022 से लेकर सितंबर तक पूरे राज्य में डेंगू के 98 मरीज मिल चुके हैं। इनमें सबसे ज्यादा मरीज 54 रांची जिले में ही मिले।

हिंदपीढ़ी में ज्यादा मरीज

रांची जिले में डेंगू के जितने मरीज मिले हैं, उनमें अधिकतर हिंदपीढ़ी इलाके के हैं। इसके अलावे रातू रोड के मधुकम से भी डेंगू के मरीज पाए गए हैं। हिंदपीढ़ी इलाके में हर साल डेंगू के अधिक मरीज मिलते हैं। इसके बावजूद रांची नगर निगम इस इलाके में कीटनाशक छिडक़ाव नहीं करता है। यहां गंदगी से सबसे अधिक मच्छर पनपते हैं, लेकिन निगम का ध्यान यहां नहीं होता है।

बदलते मौसम का असर

लगातार रिम्स और प्राइवेट हॉस्पिटल में बदलते मौसम और बारिश के कारण मच्छरों का प्रकोप बढ़ा है, जिस कारण डेंगू के मरीजों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है। बीते कुछ दिनों से लगातार डेंगू के मरीज रिम्स पहुंच रहे हैं। कुछ मरीजों को जरूरी दवाएं देकर घर भेज दिया जा रहा है, लेकिन जिन मरीजों की प्लेटलेट्स काउंट कम है उन्हें भर्ती किया जा रहा है।

बुखार, बदन दर्द ना करें इग्नोर

डॉक्टर बताते हैं कि यदि आपको भी बुखार, तेज बदन दर्द या सिर दर्द की समस्या हो रही है तो इसे इग्नोर न करें। डॉक्टरों का कहना है कि ज्यादातर मरीज बुखार और बदन दर्द की समस्या लेकर ही आते हैं, लेकिन जांच में पता चलता है कि उन्हें डेंगू है। सिर्फ रिम्स ही नहीं, प्राइवेट अस्पतालों में भी मरीजों की संख्या बढ़ी है। बारिश की वजह से शहर में जहां-तहां जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो रही है। जहां मच्छर पनप रहे हैं। इन्ही मच्छरों के काटने की वजह से लोगों में डेंगू के लक्षण दिखाई पड़ रहे हैं। ऐसे में लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। बच्चे, महिलाएं, बुजुर्ग जो भी घरों में रहते हैं उन्हें ज्यादा देखभाल की जरूरत है।

डिहाइड्रेशन भी हो जाता है

डॉ रणधीर कुमार बताते हैं कि डेंगू होने पर मरीज डिहाइड्रेशन के भी शिकार हो जाते हैं। इसलिए डॉक्टर ऐसी अवस्था में लगातार पानी पीने की सलाह देते हैं। कई बार डिहाइड्रेशन से परेशानी बढ़ जाती है। ऐसे में पानी हर आधे घंटे में पीते रहना चाहिए। इसके अलावा प्लेटलेट्स काउंट कम नहीं हो, इसका भी ध्यान रखना होता है।

मोहल्लों में दवा का छिडक़ाव जरूरी

रांची नगर निगम द्वारा सभी मोहल्लों, गलियों में मच्छर से बचने के लिए फॉगिंग और दवा का छिडक़ाव किया जाता है। लेकिन बीते कई महीनों से दवा का छिडक़ाव नहीं किया गया है, और न फॉगिंग ही की गई है। इस कारण मच्छरों की संख्या बढ़ती जा रही है। जबकि समय-समय पर नगर निगम में मच्छरों के लार्वा को कैसे खत्म करना है, इसकी ट्रेनिंग भी दी जाती है। इसके बावजूद जमीन पर कोई काम नजर नहीं आता।