रांची (ब्यूरो) । भारतीय विदेश सेवा (2022 बैच) के पदाधिकारी आशीष के साथ फेडरेशन ऑफ झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्रीज के पदाधिकारियों की बैठक उपायुक्त कार्यालय में हुई। विदित हो कि डीसी द्वारा विदेश सेवा के पदाधिकारी का इंडक्शन ट्रेनिंग प्रोग्राम अंतर्गत चैंबर ऑफ कॉमर्स, व्यवसायिक समूह और कारपोरेट संस्थाओं के साथ इस बैठक का आयोजन किया गया था। झारखंड से आयात-निर्यात में होनेवाली परेशानी और इसके प्रोत्साहन के लिए सरकार की तरफ से अपेक्षित सहयोग की जानकारी आशीष द्वारा मांगी गई।

चैंबर द्वारा राज्य से निर्यात की अपार संभावनाओं के साथ ही इसमें होनेवाली प्रमुख समस्याओं पर चर्चा की गई।

सब्जियां एक्सपोर्ट होती हैं

यह भी बताया गया कि राज्य से पर्याप्त मात्रा में सब्जियों का निर्यात होता है किंतु एयरपोर्ट पर कारगो के लिए कोल्ड स्टोरेज की अनुपलब्धता और इंटरनेशनल सेवा उपलब्ध नहीं होने के कारण परेशानी होती है। रा'य से निर्यात को बढावा देने के लिए यह भी जरूरी है कि रांची में डीजीएफटी कार्यालय स्थापित किया जाय। वर्तमान में डीजीएफटी का कार्यालय कोलकाता में होने के से यहां से सामान पहले कोलकाता जाता है, फिर वहां से विदेशों में भेजा जाता है। रा'य से निर्यात को बढावा देने के लिए हमें कोलकाता पर अपनी निर्भरता को कम करना होगा।

कलेक्शन सेंटर खोलना जरूरी

मौके पर कहा गया कि कारगो सुविधा विकसित करने के लिए क्षेत्रवार कलेक्शन सेंटर खोलने की जरूरत है। चैंबर उपाध्यक्ष अमित शर्मा और सह सचिव रोहित पोद्दार ने कहा कि रा'य चैंबर ऑफ कॉमर्स के विदेश यात्रा के दौरान सम्बंधित एमबेसी को चैंबर के प्रतिनिधिमंडल से सीधे वार्ता की पहल पर विचार भी जरूरी है। इससे स्टेकहोल्डर्स में विश्वास बढता है।

हरसंभव मदद करेंगे

आईएफएस अधिकारी आशीष ने चैंबर द्वारा सुझाये गये सभी बिंदुओं पर साकारात्मक कार्रवाई के लिए आश्वस्त किया। यह भी कहा कि चैंबर डेलिगेशन की विदेश यात्रा के दौरान वहां के एमबेसी हरसंभव सहयोग करेंगे। वार्ता के क्रम में झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स के क्रियाकलापों की भी जानकारी दी गई, जिसपर पदाधिकारी ने संतोष व्यक्त करते हुए रा'य के आर्थिक विकास में हमारे योगदान की सराहना की। प्रतिनिधिमंडल में चैंबर उपाध्यक्ष अमित शर्मा, सह सचिव रोहित पोद्दार, कार्यकारिणी सदस्य नवजोत अलंग, उप समिति चेयरमेन संदीप नागपाल और सुबोध चौधरी शामिल थे।