फ्लैग -इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के रांची सेंटर में न्यू कोर्स शुरू करने की है तैयारी

केंद्र के एकेडमिक काउंसिल की मीटिंग में दी गई जानकारी, भील, मुंडा और उरांव जनजातियों पर होगा रिसर्च

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RANCHI (23 छ्वड्डठ्ठ) इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के रांची सेंटर में जल्द ही पीजी डिप्लोमा इन ट्राइबल आर्ट और क्राफ्ट का कोर्स शुरु होगा। इसके अलावा भील, मुंडा और उरांव जनजातियों पर शोध कार्य किया जाएगा। मंगलवार को इंदिरा गांधी कला केंद्र के रांची सेंटर में आयोजित पहली एकेडमिक काउंसिल की मीटिंग में एकेडमिक डायरेक्टर डॉ बच्चन कुमार ने बताया कि इस बाबत ड्राफ्ट एक्शन प्लान तैयार किया है। इस सेंटर की लाइब्रेरी के लिए 200 किताबें भी खरीदी जाएंगी।

शोध की क्वालिटी बढ़े

एकेडमिक काउंसिल की बैठक में रांची यूनिवर्सिटी के वीसी डॉ रमेश कुमार पांडेय ने कहा कि शोधकार्य गुणवत्तापूर्ण हो इसका ध्यान रखने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि भारत में जो पादप प्रजातियां पायी जाती हैं उनकी अहमियत से लोग वाकिफ नहीं है लेकिन उनसे बने प्रोडक्ट विदेशों में लोग भारी कीमत देकर खरीद रहे हैं। उदाहरण के लिए सहजन से बने टैबलेट को अमेरिका में 100 डॉलर में बेचा जा रहा है और इसकी अहमियत हम नहीं समझ रहे।

अखड़ा संस्कृति पुनर्जीवित हो (बॉक्स)

काउंसिल के सदस्य प्रख्यात लोक कलाकार मुकुंद नायक ने कहा कि झारखंड की अखड़ा संस्कृति को पुनर्जीवित करने की जरुरत है। बैठक में डॉ एचपी सिन्हा, एसएन मुंडा और बीएन झा विदित ने भी अपने सुझाव रखे।

श्याम बेनेगल सौंपेंगे 3000 किताबें (बॉक्स)

अंकुर, निशांत और मंथन जैसी फिल्में देनेवाले प्रख्यात फिल्मकार श्याम बेनेगल अपने किताबों के संग्रह की लगभग 3000 किताबें इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र को डोनेट करेंगे। इन किताबों में फिल्म और कला-संस्कृति से जुड़ी किताबें शामिल हैं। यही नहीं चर्चित कला समीक्षक मोहन खोखर की भी 12,000 से ज्यादा किताबें और 1950 से लेकर 2004 तक की अखबारों की कतरनें इंदिरा गांधी कला केंद्र को मिलेंगी। मंगलवार को यह बातें इंदिरा गांधी कला केंद्र के सचिव डॉ सच्चिदानंद जोशी ने कहीं।