RANCHI:रांची को चौंका देने वाले अग्रवाल बंधु डबल मर्डर केस में बुधवार को एक नया मोड़ आया। जिसे पुलिस 21 महीने तक गिरफ्तार नहीं कर पाई, उसने खुद रांची की अदालत में आकर सरेंडर कर दिया। इतने दिनों तक वह रांची, बोकारो, धनबाद समेत कई शहरों की खाक छानता रहा, लेकिन पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा। अपराध की दुनिया को काफी करीब से जानने वालों में इस बात की चर्चा है कि इस डबल मर्डर के मुख्य आरोपी लोकेश चौधरी को एक बड़े अफसर का सहारा मिला था। यही वजह थी कि उसे गिरफ्तार नहीं किया जा सका था। हालांकि, अब उस अफसर को संटिंग में डाल दिया गया है, जिससे लोकेश चौधरी के बचने के सारे रास्ते बंद हो चुके थे। दबाव में आकर उसे आत्मसमर्पण करना पड़ा। हालांकि, एक और आरोपी एमके सिंह अब भी फरार है।

पुलिस को नहीं लगी भनक

6 मार्च 2019 को रांची के अशोक नगर रोड नंबर एक स्थित साधना न्यूज के कार्यालय में दो सगे भाइयों हेमंत अग्रवाल और महेंद्र अग्रवाल की हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड के दो अभियुक्तों लोकेश चौधरी और एमके सिंह घटना के बाद फरार हो गए थे। लोकेश ने विशाल श्रीवास्तव की अदालत में सरेंडर किया। हैरान करनेवाली बात ये है कि राजधानी को झकझोर देने वाली घटना को अंजाम देने वाले आरोपित ने आराम से रांची आकर कोर्ट में सरेंडर कर दिया लेकिन पुलिस को भनक तक नहीं लगी।

कुर्की-जब्ती भी काम न आई

पुलिस अब तक यह पता नहीं लगा पाई थी कि लोकेश चौधरी छिप कर कहां रह रहा था। रांची पुलिस ने हत्याकांड के बाद लोकेश और एमके सिंह को गिरफ्तार करने के लिए तीन विशेष टीमों का गठन किया था। लेकिन लोकेश चौधरी और एमपी सिंह का कोई अता-पता नहीं चल पाया था। पुलिस ने लोकेश चौधरी के घर कुर्की जब्ती की कार्रवाई भी की थी। लोकेश के जगन्नाथपुर इलाका स्थित स्थित फ्लैट में कुर्की-जब्ती की कार्रवाई की। इस मामले में एसआइटी का गठन किया गया था। एसआइटी ने बिहार, बंगाल और यूपी के कई जगहों पर छापेमारी की थी। बावजूद इसके दोनों मुख्य आरोपितों का लोकेशन तक पुलिस पता नहीं लगा पाई। पुलिस सिर्फ इनके रिश्तेदारों के घरों तक पहुंचकर वापस आ गई थी।

एक नजर में मर्डर केस

तारीख - 6 मार्च 2019

स्थान - अशोक नगर रोड नंबर एक स्थित साधना न्यूज के कार्यालय में।

किनकी हत्या हुई : दो सगे भाइयों हेमंत अग्रवाल व महेंद्र अग्रवाल की गोली मारकर हत्या हुई थी।

तीन भेजे गए थे जेल : हत्याकांड में शामिल तीन भेजे गए थे जेल। अग्रवाल बंधु हत्याकांड में शामिल पांच में से तीन लोग ही अभी जेल में हैं। हत्या के दो दिन बाद आठ मार्च को पहले पुलिस ने लोकेश चौधरी के ड्राइवर शंकर को गिरफ्तार किया था। फिर बॉडीगार्ड सुनील सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। जबकि एक अन्य बॉडीगार्ड धर्मेंद्र तिवारी ने कोर्ट में सरेंडर किया था।

पैसों को लेकर हत्या : दोनों बॉडीगार्ड ने खुलासा किया था कि पैसे को लेकर दोनों भाइयों की हत्या लोकेश चौधरी व एमके सिंह ने की थी। हत्या के बाद अग्रवाल बंधुओं का करोड़ों रुपये लेकर दोनों फरार हो गए थे। रकम कितनी थी, अब तक यह स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पाई।