RANCHI: राजधानी में जिसे देखो उसे ड्राइविंग का भूत सवार है। वहीं कोरोना आने के बाद तो ड्राइविंग सीखने के लिए सभी घरों से निकल पड़े हैं। लेकिन ड्राइविंग सीखने के लिए ये लोग कोई ड्राइविंग स्कूल में नहीं जा रहे हैं। दोस्तों और रिलेटिव्स के साथ ग्राउंड और सड़कों पर ये गाड़ी ड्राइव करना सीख रहे हैं। बिना ड्राइविंग स्कूल गए खुद से ट्रेनिंग के बाद एग्जाम भी दे रहे हैं ताकि उन्हें गाड़ी चलाने के लिए लाइसेंस मिल जाए। इस चक्कर में सिटी के लोगों ने राजधानी के सबसे बड़े मोरहाबादी ग्राउंड को ड्राइविंग के लिए लर्निग सेंटर बना दिया है। जहां सुबह से लेकर शाम तक ड्राइविंग सीखने वालों की भीड़ जमा रहती है। इन लोगों ने ग्राउंड में आने वालों का सांस लेना मुश्किल कर रखा है। वहीं एक जगह खड़े रहने से भी लोग डरते हैं।

दिन में ग्राउंड लर्निग सेंटर

सुबह में मार्निग वाकर्स मोरहाबादी में जुटते हैं। इसके बाद से ही वहां पर ड्राइविंग सीखने वाले पहुंचने लगते हैं। इस दौरान वहां पर पुलिस की सख्ती के कारण ज्यादा गाडि़यां नहीं पहुंच पाती। लेकिन जैसे ही नो एंट्री से छूट मिलती है तो एक के बाद एक गाडि़यां पहुंचने लगती हैं। इसके बाद पूरा मैदान ही लर्निग सेंटर बन जाता है। चारों ओर टू व्हीलर से लेकर बड़ी-बड़ी कारें दौड़ने लगती हैं, जिससे कि ग्राउंड में आने वाले और दुकान लगाने वाले भी डरे रहते हैं कि कोई ड्राइविंग सीखने वाला उन्हें ठोंक न दे।

विभाग जैसा ट्रैक बनाकर ड्राइविंग

मोरहाबादी ग्राउंड के पास शहीद संकल्प चिल्ड्रेन पार्क के सामने ही ड्राइविंग की टेस्टिंग होती है। डिस्ट्रिक्ट ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने टेस्ट लेने के लिए वहां पर ट्रैक बना रखा है, जिसपर गाड़ी सही ढंग से चलाने के बाद परमानेंट लाइसेंस के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी जाती है। ऐसे में कोई टेस्ट में फेल न हो जाए इसके लिए हू ब हू ट्रैक लोग खुद से पत्थर डालकर बना लेते हैं। इसके बाद उसी ट्रैक पर गाड़ी कई बार दौड़ाकर चेक करते हैं कि कहीं कोई गलती तो नहीं हुई। इसी चक्कर में जमकर धूल उड़ा रहे हैं। वहीं पूरे ग्राउंड में पत्थर जमा है, जिससे कोई टकरा जाए तो उसका घायल होना तय है।

पैदल चलने वाले भी सेफ नहीं

कुछ दिनों पहले तक यह शांत इलाका हुआ करता था। जहां लोग आकर सुबह-शाम तो सुकून के पल गुजारते थे। वहीं दिन में भी लोगों के लिए शांति वाली जगह थी। लेकिन जब से लोगों को ड्राइविंग का भूत सवार हुआ तो अब वहां पर जाने से भी लोग डरते हैं। चूंकि कई बार ड्राइविंग सीखते समय बैलेंस गड़बड़ हुआ तो एक्सीडेंट हो गया है। वहीं पैदल चलने वालों को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ा है। फिर भी ऐसे लोगों पर रोक नहीं लगाई जा रही है।