रांची (ब्यूरो)। ड्रग्स, गांजा, ब्राउन शुगर के बाद अब रांची के यूथ नशे के लिए ब्लैक स्टोन का भी इस्तेमान करने लगे हैं। ब्लैक स्टोन भी ब्राउन शुगर की तरह ही पाउडर के रूप में छोटी-छोटी पुडिय़ा में सप्लाई की जा रही है। पुलिस के हाथ लगे एक पेडलर से जब्त ब्लैक स्टोन की पुडिय़ा के बाद यह बात सामने आई है। पेडलर ने इस संंबंध में पुलिस के समक्ष कई खुलासे भी किए हैं। बताया कि युवा ब्राउन शुगर के साथ ब्लैक स्टोन का भी इस्तेमाल कर रहे हैं।

युवाओं को डिलीवर

उसके सरगना के कहने पर वह युवाओं के बीच ब्राउन शुगर और ब्लैक स्टोन डिलीवर करता है। इसके लिए कमिशन मिलता है। राजधानी के सभी इलाकों में नशे का सामान सप्लाई किया जा रहा है। खासकर कॉलेज गोइंग स्टूडेंट्स की ओर से ज्यादा डिमांड रहती है। अरगोड़ा थाना ने पेडलर को गिरफ्तार किया है। उसकी निशानदेही पर इस धंधे के सरगना की तलाश पुलिस कर रही है।

इन इलाकों से सप्लाई

सुखदेव नगर थाना क्षेत्र एक बार फिर से नशे का सामान सप्लाई करने के मामले में सुर्खियों में आने लगा है। कुछ समय पहले तक नशे के सौदागर इस इलाके से गायब हो गए थे। चोरी-छिपे सप्लाई हो रही थी। लेकिन एक बार फिर से सुखदेव नगर थाना क्षेत्र से सप्लाई शुरू हो चुकी है। पुलिस की गिरफ्त में आए पेडलर ने बताया कि मधुकम, चुन्ना भट्ठा, हरमू इलाके से नशे के सामानों की सप्लाई की जा रही है।

अमित मुख्य सरगना

उसने खुलासा करते हुए कहा कि चुन्ना भट्ठा का रहने वाला अमित सोनी ही इसका मुख्य सरगना है। अमित सभी पेडलर को सप्लाई करता है, फिर पेडलर इसे शहर के विभिन्न इलाकों में युवाओं तक पहुंचा देते हैं। सुखदेव नगर थाना क्षेत्र के अलावा, अरगोड़ा, हिंदपीढ़ी, चुटिया, डोरंडा थाना क्षेत्र से भी नशे की सौदागरी की जा रही है।

बर्बाद हो रही युवा पीढ़ी

नशे के चंगुल में फंसकर युवा पीढ़ी बर्बाद हो रही है। सिर्फ युवा ही नहीं, बल्कि नाबालिग भी नशे के आदि होते जा रहे हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह है स्कूल, कॉलेज और दूसरे शिक्षण संस्थानों के आसपास नशे के सामान का आसानी से अवेलेबल होना। सप्लाई करने वाले स्कूल कॉलेज के आसपास ही मंडराते रहते हैं।

पेट्रोलिंग का आदेश

कुछ दिनो पहले ही सिटी एसपी ने सभी स्कूल-कॉलेज के समीप पुलिस की तैनाती करने और सख्त पेट्रोलिंग का आदेश दिया था। साथ ही शिक्षण संस्थान के आसपास से ऐसी दुकान भी हटाने के निर्देश जारी किए गए थे। लेकिन दुर्भाग्य है कि इस दिशा में कोई काम नहीं हुआ। नशीले सामानों की बिक्री भी राजधानी में धड़ल्ले से हो रही है। कोरेक्स जैसी प्रतिबंधित दवा भी डॉक्टर प्रेस्क्राइब के बगैर दिए जा रहे हैं। इसका सबूत सिटी के पुराने और खाली पड़े भवनों में आसानी से नजर आ जाएंगे। जहां-तहां कोरेक्स के खाली बोतल, इंजेक्शन इस बात की गवाही दे रहे हैं कि शहर में नशे का कारोबार काफी फल-फूल रहा है और युवा इसके चक्कर में पड़कर खुद को बर्बाद कर रहे हैं।

लग्जरी व्हीकल्स से सप्लाई

गांजा और चरस की आपूर्ति करने वाले सप्लायर्स भी काफी एक्टिव हैं। शहर के विभिन्न क्षेत्रों में सप्लायर्स ने अपने ठिकाने बना रखे हैं। पान, तंबाकू, चाय बेचने वालों से लेकर कई स्कूल-कॉलेजों के छात्रों को भी कमीशन के आधार पर ऐसे लोगों ने अपना एजेंट बना लिया है। शहर के युवाओं को नशे की लत लगाने वाले सरगना बस, ट्रेन और प्राइवेट लग्जरी व्हीकल्स से इसकी तस्करी कर रहे हैं। इस कार्य में महिलाएं भी शामिल हैं। इस कारण सरगना तक नशीले पदार्थ की खेप आसानी से पहुंच जाती है। खादगड़ा बस स्टैंड से कई बार ऐसे लोग पुलिस की गिरफ्त में भी आ चुके हैं, लेकिन यह गोरखधंधा बंद नहीं हुआ है।