रांची(ब्यूरो)। राजधानी रांची में ब्राउन शुगर का कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक मामला ठंडा पड़ा नहीं कि दूसरे पैडलर पुलिस के हत्थे चढ़ जा रहे हैं। ड्रग पैडलर्स पर पुलिस भले लगातार दबिश बना रही है। लेकिन दूसरी ओर ब्राउन शुगर के इस अवैध कारोबार पर ब्रेक भी नहीं लग पा रहा है। एक महीने में पुलिस ने तीन तस्करों को पकड़ा। वहीं, बीते हफ्ते फिर एक बार पुलिस ने महिला और पुरुष को ब्राउन शुगर की तस्करी मामले में दबोचा है। पुलिस ने दोनों के पास से ब्राउन शुगर की पुडिय़ा बरामद की है। स्थानीय लोगों की सतर्कता से पुलिस तस्करों को पकडऩे में सफल रही है।

कांटाटोली से दो तस्कर अरेस्ट

दरअसल, कांटाटोली स्थित एक बिल्डिंग में लगातार नशे के सामान बिकने करने की शिकायत आ रही थी। युवा यहां जाते और नशे का सामान लेकर बाहर निकलते। कुछ लोग तो बिल्डिंग के इर्द-गिर्द ही नशे की हालत में भटकते रहते है। इसे देखते हुए आसपास के लोगों ने शक के आधार पर बिल्डिंग की रेकी की, जहां नशे की पुडिय़ा की बिक्री करने वाले का पता चला। पुलिस को इसकी सूचना दी गई, जिसके बाद कार्रवाई करते हुए पुलिस ने असमीना परवीन नामक महिला समेत एक पुरुष तस्कर को पुडिय़ा के साथ हिरासत में ले लिया।

ये है नशे का फेवरिट डेस्टिनेशन

सिटी के युवा दिनों दिन नशे की गिरफ्त में फंसते जा रहे हैं। लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। अभिभावकों के पास भी इतना समय नहीं है कि वे अपने बच्चों पर नजर रखें या उन्हें सही-गलत के बारे में बताएं। जिसका नतीजा है कि स्कूल-कॉलेज गोइंग स्टूडेंट्स इस दलदल में धंसते जा रहे हैं। न सिर्फ लड़के बल्कि लड़कियां भी इसकी जद में आती जा रही हैं। नशीले सामानों को खपाने के लिए लोअर बाजार और सुखदेव नगर थाना का इलाका तस्करों के लिए फेवरिट प्लेस बना हुआ है। घनी आबादी वाला क्षेत्र होने के कारण इन इलाकों में गांजा, ब्राउन शुगर समेत दूसरे नशीले सामान आसानी से सप्लाई किए जाते हैं। महिला और पुरुष पैडलर इन इलाकों में जाकर युवाओं को पुडिय़ा उपलब्ध कराते हैं। नशीले पदार्थो की तस्करी में महिलाओं की भी मदद ली जा रही है। महिलाओं को ही आगे करके ब्राउन शुगर की तस्करी राजधानी रांची में करवाई जा रही है। हाल के दिनों में एक के बाद एक कई महिलाओं को ऐसा करते हुए गिरफ्तार किया गया है।

होम डिलीवरी भी

पैडलर्स के लिए काम करने वाले युवा कॉलेज कैंपस के आस-पास घूमते रहते हैं। फिर लड़के-लड़कियों को झांसे में लेकर टेस्ट कराते हैं और धीरे-धीरे इसकी लत लगा देते हैं। बाद में उन्हीं स्टूडेंट्स की मदद से वे दूसरा शिकार भी फंसाते हैं। स्टूडेंट्स को ही कमिशन और फ्री में नशे का सामान देने की डील कर ली जाती है। पैसे के लालच में पड़कर लड़के-लड़कियां पेडलर के चंगुल में फंस जाते हैं, और नशीला पदार्थ बेचना शुरू कर देते हैं। पुलिस की पकड़ में आए पेडलरों ने पूछताछ में बताया कि जिन्हें भी ब्राउन शुगर या कोई भी नशीला सामान चाहिए होता है, इसके लिए वे फोन पर संपर्क करते हैं। ऑर्डर करने के बाद उनके बताए एड्रेस पर सामान डिलीवर करवा दिया जाता है। इसकी होम डिलीवरी भी कराई जा रही है। लेकिन हर बार पुलिस सिर्फ छोटे सप्लायर्स को ही पकड़ पाती है। जबकि सरगना पुलिस की पकड़ से अब भी दूर है।

थाने के पास नशे का कारोबार

सिटी के यूथ नशे की गिरफ्त में फंसते जा रहे हैं। शराब, सिगरेट, गांजा, डेंड्राइट के साथ-साथ ब्राउन शुगर भी युवा नशे के लिए ले रहे हैं। नशे के आदी हो चुके इन युवाओं को ना भविष्य की चिंता है ना वर्तमान का डर। राजधानी रांची में नशे का कारोबार अपनी जड़ें फैलाता जा रहा है। आलम यह है कि थाना के पास भी नशे का कारोबार बेखौफ हो रहा है।

नाबालिग भी चपेट में

सिर्फ युवा ही नहीं, नाबालिग भी इसकी चपेट में आने से खुद को नहीं रोक पा रहे हैं। इन दिनों सिटी में ब्राउन शुगर का कारोबार काफी तेजी से फैल रहा है। एक्सपर्ट बताते हैं कि ब्राउन शुगर नशे का ऐसा साधन है जिसकी दस से 12 दिनों में लत लग जाती है। आश्चर्य की बात तो यह है कि थाना के आसपास ही यह बिजनेस आसानी से फल-फूल रहा है, लेकिन थाने की ओर से होने वाली कार्रवाई काफी सुस्त है। शिकायत मिलने पर कार्रवाई होती है, अन्यथा पुलिस सिर्फ हाथ पर हाथ धरे बैठी रहती है। दस दिन पहले ही एसपी शुभांशु जैन ने शैक्षणिक संस्थानों के आस-पास हो रहे नशे के कारोबार पर कार्रवाई का आदेश दिया था। लेकिन अबतक इस पर कोई पहल नहीं हुई है।