रांची(ब्यूरो)। रांची के सुखदेव नगर और लोअर बाजार थाना क्षेत्र नशा के हब बन चुके हैं। सिटी के युवा तेजी से नशे के आदी होते जा रहे हैं। सुखदेव नगर थाना प्रभारी के रूप में कुछ दिन पहले ही मनोज कुमार की पोस्टिंग हुई है। उनके पास पहला मामला भी नशे से संबंधित ही आया। मनोज कुमार ने बताया कि हर दिन नशे से जुड़़ा कोई न कोई मामला थाना जरूर पहुंच रहा है। इससे निपटने के लिए अब हाई लेवल एक्शन लिया जाएगा। नशे का डोज किसके जरिए लोगों तक पहुंच रहा है, इसकी छानबीन की जा रही है। बहरहाल सुखदेव नगर थाना क्षेत्र में एक बार फिर से नशे का धंधा जोरों पर है, जिसकी वजह से कई तरह के अपराध भी सिटी में आए दिन हो रहे हैं। कोई नशे के लिए छिनतई तो कोई लूट को भी अंजाम दे रहा है। शहर में होने वाली छिनतई के पीछे सबसे बड़ी वजह नशे का सेवन ही है। नशे की सामग्री खरीदने के लिए युवा लूटपाट और छिनतई करने से भी बात नहीं आ रहे हैं।

लॉज-हॉस्टल तक सप्लाई

ड्रग्स माफिया गांजा के साथ-साथ अफीम, ब्राउन शुगर युवाओं तक आसानी से पहुंचा रहे हैं। कई लॉज, हॉस्टल तक इसकी सप्लाई की जा रही है। पुलिस विभाग में दर्ज आंकड़े बताते हैं कि शहर में एनडीपीएस एक्ट के सर्वाधिक केस सुखदेव नगर और लोअर बाजार थाना में ही दर्ज हुए हैं। सुखदेव नगर के अलावा लोअर बाजार और नामकुम थाना क्षेत्र में भी इसका धंधा जोर-शोर से चल रहा है। इस इलाके में सबसे ज्यादा नशे के ग्र्राहक मिल रहे हैं। नशे के सौदागरों ने इन थाना क्षेत्रों में अपने एजेंट रख दिए हैं। वहीं यहां के कुछ युवाओं को पैडलर बनाकर अन्य थाना क्षेत्रों में भी नशे का सामान सप्लाई कराया जा रहा है। इसमें सिर्फ लड़के ही नहीं, बल्कि लड़कियां भी शामिल हैं।

डीआईजी का आदेश भी हवा

दो महीने पहले ही डीआईजी अनुप बिरथरे ने नशे की सामाग्री की सप्लाई करने, इसका सेवन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई करने का आदेश दिया था। लेकिन पुलिस अधिकारी डीआईजी के आदेश का भी पालन करते नजर नहीं आ रहे हैं। पकड़ेे जाने के बाद भी साधारण से सवाल जवाब पूछ कर आरोपी को जेल भेज दिया जाता है, जिसके बाद आसानी से बेल लेकर वे ही अपराधी फिर से बाहर आकर इसी धंधे में जुड़ जाते हैं। पहले तो पुलिस किसी अपराधी को गिरफ्तार नहीं करती और यदि गिरफ्तार कर भी ले तो उनकी ड्यूटी सिर्फ अपराधियों को जेल भेजने तक रह गई है। सरगना तक पहुंचने की पुलिस कोशिश भी नहीं कर रही है।

रांची में ही प्रॉसेस हो रहा नशा

नशे के सौदागर रांची, सरायकेला और खूंटी के सीमावर्ती इलाकों में पुलिस से छिपकर अफीम उगाने लगे हैं। अफीम उगाने के बाद स्थानीय स्तर पर ही अफीम को प्रॉसेस कर ब्राउन शुगर तैयार किया जा रहा है। रांची एवं आसपास के इलाकों में तैयार ब्राउन शुगर पूरे राज्यभर में सप्लाई हो रहा है। बाहर से ब्राउन शुगर मंगवाना च्यादा महंगा होता है, दूसरा रांची लाने के दौरान पकड़े जाने का भी डर होता है। ऐसे में माफियाओं ने प्रॉसेस में ट्रेंड कारीगर को हायर कर लिया है। इसके एवज में कारीगर को मोटी रकम दी जाती है। स्थानीय युवकों को भी प्रॉसेसिंग के गुर सिखाए जा रहे हैं।

डिलीवरी ब्वॉय पहुंचा रहे माल

राजधानी रांची एवं आसपास के इलाकों में शराब की तरह ब्राउन शुगर उपलब्ध है। व्यवस्थित व्यापार की तरह लगभग प्रत्येक इलाके में ब्राउन शुगर का स्टॉकिस्ट है, जो डिलीवरी ब्वॉय के माध्यम से ग्राहक तक माल भेजता है। एक फोन काल पर डिलीवरी ब्वॉय ग्राहक को ब्राउन शुगर पहुंचा देता है। सबसे च्यादा खरीदार युवा वर्ग हैं। कार्रवाई के नाम पर पुलिस डिलीवरी ब्वॉय को गिरफ्तार कर रही है लेकिन बड़ी मछलियों पर कोई कार्रवाई नहीं कर पाती है। इसी कारण सप्लाई चेन नहीं टूट रहे हैं।

नशे के सप्लाई चेन को तोडऩा होगा। धीरे-धीरे जानकारी जुटा रहे हैं। सिर्फ छोटे-मोटे पैडलर को पकड़ कर कुछ नहीं होने वाला है। इस रैकेट को जड़ से मिटाने की कोशिश रहेगी।

-मनोज कुमार, प्रभारी, सुखदेव नगर थाना