रांची(ब्यूरो)। साइबर अपराधियों से आम लोगों को बचाने और उनमें अवेयरनेस लाने के लिए साइबर सेल रेस हो गया है। इसके लिए 'मैं हूं ई-रक्षकÓ थीम पर ड्राइव चलाने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत चौक-चौराहों, शैक्षणिक संस्थानों से लेकर डोर-टू-डोर जाकर पब्लिक को साइबर ठगी और इससे बचने के बारे में जानकारी दी जाएगी। रांची पुलिस ने सायबर अपराध रोकने के लिए इस खास अभियान को शुरू किया है। साइबर अपराध पर लगाम लगाने को लेकर रांची पुलिस और साइबर सेल मिलकर काम कर रहे हैैं।

अलर्ट करने में जुटी रांची पुलिस

राजधानी में अक्सर साइबर ठगी के मामले सामने आते हैं। कहीं बैंक कर्मी बनकर तो कहीं लॉटरी के नाम पर लोगों को शिकार बनाया जा रहा है। इन दिनों फेस्टिव सीजन को देखते हुए आकर्षक ऑफर की आड़ में लोगों को फंसाया जा रहा है। कुछ मामले साइबर सेल के पास पहुंचते हैं तो कई मामले थानों की दहलीज पर ही दम तोड़ देते हैं। कई ऐसे हैं जो पुलिस के पचड़े में नहीं पडऩा चाहते और इसकी शिकायत तक दर्ज नहीं करवाते हैं। साइबर अपराध पर लगाम लगाने के लिए रांची पुलिस और साइबर सेल लोगों को डिजिटली अलर्ट करने की ओर आगे बढ़ रहा है।

ठगे जाएं तो 1930 पर करें कॉल

अवेयरनेस ड्राइव में डायल 1930 को लेकर भी जानकारी दी जाएगी, ताकि अगर कोई साइबर अपराध का शिकार हो जाए तो उनकी भी मदद की जा सके। अब तक इसी हेल्पलाइन नंबर की माध्यम से ही लोगों की मदद की गई है। इससे 60 लाख रुपए की रिकवरी हुई है। यदि पीडि़त लोग सही समय पर सही जानकारी देते हैं, संबंधित अकाउंट को फ्रीज करा कर ठगे गए पैसे वापस दिलाए जा सकते हैं। साइबर अपराधियों के झांसे में सिर्फ सामान्य लोग ही नहीं, बल्कि बिजनेस मैन, स्टूडेंट, नौकरीपेशा सभी फंस जाते हैं। इन दिनों डिजीटल ट्रांजेक्शन में बढ़ोतरी होने से ठगे जाने की आशंका भी बढ़ी है। सब्जी बेचने वालों से लेकर बडे-बड़़े आउटलेट, शोरूम में भी डिजीटल ट्रांजेक्शन हो रहा है। ऐसे में रांची पुलिस द्वारा चलाया जाने वाला यह जागरूकता अभियान प्रभावकारी सिद्ध हो सकता है।

साइबर अपराध पर लगाम लगाने के लिए लोगों में जागरुकता बहुत जरूरी है। इसी उद्देश्य से इस महिम की शुरुआत की जा रही है। रांची के प्रमुख चौक-चौराहों, स्कूल-कॉलेजों में लोगों को जागरूक किया जाएगा।

- कार्तिक एस, एसपी, सीआईडी