रांची (ब्यूरो) । पूर्वी भारत की अग्रणी अपशिष्ट प्रबंधन कंपनी हुल्लाडेक रीसाइक्लिंग प्राइवेट लिमिटेड ने हाल ही में रांची के सेंट जेवियर्स कॉलेज में एक ई-कचरा बिन स्थापित किया है। इस परियोजना का नेतृत्व डॉ। फादर नबोर लकड़ा, प्रिंसिपल और डॉ। अजय मिंज, वाइस प्रिंसिपल, सेंट जेवियर्स कॉलेज, हुल्लाडेक रीसाइक्लिंग 2019 में रांची में अपना परिचालन शुरू करने के बाद से प्रीमियम शिक्षा संस्थानों में जागरूकता शिविरों की श्रृंखला आयोजित कर रहा है। कार्यशालाओं में भारत में ई-कचरे के परिदृश्य, रीसाइक्लिंग के अनौपचारिक क्षेत्र और ई-कचरा निपटान के उचित तरीकों पर प्रकाश डाला गया। इन कार्यशालाओं के बाद संग्रह अभियान चलाया गया, जिसमें छात्रों को अपना इलेक्ट्रॉनिक कचरा डालने के लिए परिसर में ई-कचरा डिब्बे रखे गए।

अपशिष्ट प्रबंधन समाधान

मौके पर नंदन मॉल, अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, हुल्लाडेक रीसाइक्लिंग प्राइवेट लिमिटेड ने कहा की कंपनी के हमें सेंट जेवियर्स कॉलेज, रांची में अपने स्थायी अपशिष्ट प्रबंधन समाधान लाने में खुशी हो रही है। हुल्लाडेक सभी के लिए एक स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण बनाने के लिए समर्पित है और यह पहल उस लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक कदम है। हम प्रबंधन के आभारी हैं मुद्दे के महत्व को समझने और एक बिन स्थापित करने के लिए कॉलेज को धन्यवाद देते हैं।

पांचवां बड़ा ई-कचरा

कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ। फादर नबोर लकड़ा ने कहा की हुलाडेक रीसाइक्लिंग प्राइवेट लिमिटेड देश के शीर्ष 5 पीआरओ (निर्माता उत्तरदायित्व संगठन) में से एक है और पहले से ही टाटा स्टील, पेप्सिको, नेस्ले इंडिया, इंडसइंड बैंक, मोंडेलेज़ इंटरनेशनल इत्यादि जैसे कॉर्पोरेट्स के ई-कचरे का प्रबंधन करता है। वैश्विक स्तर पर पांचवां सबसे बड़ा ई-कचरा उत्पादक है और भारत में 80 प्रतिशत से अधिक ई-कचरा अनौपचारिक क्षेत्र द्वारा प्रबंधित किया जाता है, विस्तारित उत्पादक उत्तरदायित्व (ईपीआर) का दायरा, आने वाले दिनों में प्रोड्यूसर रिस्पॉन्सिबिलिटी ऑर्गेनाइजेशन (पीआरओ) का बढऩा तय है।