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RANCHI: रांची को हर दिन 260 मेगावाट बिजली की जरूरत है, लेकिन मात्र 150 मेगावाट बिजली की ही सप्लाई हो पा रही है। कम बिजली मिलने से अलग-अलग मुहल्लों में अलग-अलग समय में घंटों बिजली गुल रह रही है। लोड शेडिंग की वजह से शहर में जन-जीवन पर इसका खासा असर पड़ रहा है। बिजली कब आएगी और कब चली जाएगा, इसकी पता नहीं चलने से लोगों की मुश्किलें और ज्यादा बढ़ जा रही हैं।

चार दिनों से गिरा उत्पादन

झारांड के पावर प्लांट्स में इन दिनों मात्र 140 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है। पतरातू थर्मल पावर के एक यूनिट से हर दिन 70 से 80 मेगावाट और सीपीपी से 60 मेगावा बिजली का प्रोडक्शन हो रहा है जबकि राज्य को हर दिन 3260 मेगवाट बिजली की जरूरत है। लेकिन डीवीसी, सेंट्रल पूल और दूसरे कंपनियों से हर दिन करीब 1800 मेगावाट बिजली झारखंड को दी जा रही है इसके अलावा टीवीएनल की दोनों यूनिट मिलाकर 420 मेगावाट बिजली हर दिन उत्पादन होता है, लेकिन चार दिनों से सप्लाई ही कम हो रही है। एक तो ऐसे ही जरूरत से कम बिजली सप्लाई हो रहा है। उपर से इन दिनों और ाी कम हो गया है। जिससे रांची सहित पूरे राज्य में बिजली संकट गहरा गया है।

हर जिले में बिजली के लिए हाहाकार

राज्य के अन्य जिलो मे ाी लोग बिजली की परेशानी से त्रस्त है। कई जिलों मे आठ से दस घंटे तक बिजली नही रह रही है। हजारीबाग, गुमला, पलामू, संथाल प्रगणा मे घंटो बिजली कटी रहती है। साथ ही जिन कमांड एरिया मे डीवीसी बिजली सप्लाई करती है वहां ाी कई घंटे तक लोग अंधेरे मे रह रहे है।