रांची (ब्यूरो) । महज 2021 में स्थापित अंग्रेजी भाषा एवं साहित्य विभाग (ईएलएल), डीएसपीएमयू के सुगम इतिहास में एक उभरता हुआ विभाग है, जो छात्रों को भाषा एवं साहित्य में भविष्य बनाने के काम में अग्रसर है। गुरुवार को नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद सत्र 2023-27 की कक्षा प्रारम्भ हो गयी।

सितंबर के आखिरी सप्ताह में विधिवत ओरिएंटेशन प्रोग्राम आयोजित की जाएगी। ताकि विभाग अपने स्थापना के उद्देश्य को पूरा कर सके।

विभाग कॉर्डिनेटर डॉ विनय भरत ने बताया कि इस विभाग की स्थापना उन छात्रों को मद्देनज़र रखते हुए की गई है, जो विशुद्ध साहित्य के इतर भाषा और साहित्य के फ्यूजन से अपना भविष्य संवारना चाहते हैं।

रोजगार के नए आयाम

उन्होंने विभाग में पढ़ने वाले छात्रों के समक्ष अवसर और संभावनाएं साझा करते हुए बताया कि बदलते वक्त ने रोजगार के नए आयाम को खोला है। यह विषय उन अवसरों तक पहुंचने का मार्ग खोलती है।

शिक्षक सौरभ मुखर्जी ने विभिन्न क्षेत्रों का जिक्र किया जहां छात्र ऑनर्स के बाद जा सकते हैं। इसमें प्रतिलेखन, अनुवाद, लिंगुअल एक्सपर्ट, ट्रांसक्राइबिंग, मैनेजमेंट, सिविल सर्विसेज, बैंकिंग, एसएससी, मल्टीनेशनल बीपीओ आदि के साथ स्कूल और उच्च शिक्षण के क्षेत्र में पर्याप्त करियर के अवसर हैं।

पीजी कर सकते हैं

इस कोर्स के साथ छात्र किसी भी सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन कर सकते हैं और छात्रों की पसंद के अनुसार भाषाविज्ञान या साहित्य में स्नातकोत्तर का चयन कर सकते हैं।

शिक्षक कर्मा कुमार और श्वेता गौरव ने प्रोग्रेस रिपोर्ट रखते हुए बताया कि

विभाग का कुल नामांकन केवल दो वर्षों में 400 है जिसमे कि लड़कियों की संख्या 210 हैं, जो कुल नामांकन का 52.6 प्रतिशत है। अब इस सत्र के नामांकन के साथ विभाग की कुल संख्या 650 विद्यार्थियों की हो गयी है। मौके पर छात्रों के बीच सिलेबस की सॉफ्ट कॉपी जारी की गयी।

इस मौके पर क्लास रिप्रेजेंटेटिव मानसी विश्वास, ग्लैड केरकेट्टा, प्रिया कुमारी और सामिया यास्मीन ने सम्बोधित किया।