रांची(ब्यूरो)। स्टेट के मार्केटिंग हब अपर बाजार का 100 करोड़ रुपए से इलाज होगा। झारखंड समेत बिहार, बंगाल, छत्तीसगढ़, ओडि़शा के भी व्यपारी पहुंचते हैं। व्यवसाय करने के लिए इस बाजार की पहचान है, लेकिन साथ में जाम और ट्रैफिक के लिए भी यह बाजार की पहचान बना हुआ है। इस परेशानी को दूर करने की तैयारी हो गई है। फिर भी इसकी दुर्दशा सुधारने की दिशा में काम नहीं हो रहा है। अपर बाजार में सिर्फ जाम की ही समस्या नहीं, बल्कि सबसे ज्यादा गंदगी और नारकीय हालत भी इस क्षेत्र में ही है। बारिश में स्थिति और भी ज्यादा दयनीय हो जाती है.अपर बाजार स्थित बकरी बाजार में मल्टी स्टोरेज पार्किंग का निर्माण होगा। जुडको ने यहां पांच मंजिला पार्किंग निर्माण की योजना तैयार की है। इसकी डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट यानी डीपीआर बना ली गई है। जल्द ही इसका टेंडर किया जाएगा।

क्या है योजना

बकरी बाजार में लगभग 100 करोड़ रुपये की लागत से तीन एकड़ जमीन पर पांच मंजिला पार्किंग बनाई जाएगी। वहां 500 से अधिक वाहन एक साथ पार्क किए जा सकेंगे। साथ ही लगभग 200 दुकानों का भी निर्माण किया जाएगा। प्रस्तावित दुकानों से होनेवाली आमदनी से पार्किंग का मेनटेनेंस किया जाएगा।

12 साल पहले बनी योजना

बकरी बाजार में मल्टीस्टोरी पार्किंग की योजना 12 साल पहले ही बनी थी। लेकिन यह फाइलों में ही दब कर रह गई। इसके बाद फिर कई बार योजना पर काम हुआ, लेकिन हर बार यह कागजों में ही घूमता रहा। राजधानी रांची का सबसे ज्यादा जाम रहने वाला इलाका अपर बाजार है। इसे सिटी का कॉमर्शियल हब भी माना जाता है। छह साल पहले अपर बाजार का सर्वे कराकर पार्किंग के लिए डीपीआर तैयार की गई थी।

रोड पर पार्किंग

अपर बाजार में सड़क किनारे लोग अपना वाहन खड़ा रखते हैं। इस क्षेत्र में एक भी पार्किंग नहीं है। दिगंबर जैन भवन के सामने गली में पार्किंग के लिए एरिया चिन्हित की गई थी, लेकिन स्थान काफी छोटा है जहां कम गाडिय़ों की पार्किंग में ही पूरी गली ब्लॉक हो जाती है। दुकानदार के अलावा बाजार में आने वाले खरीदार भी अपने वाहन सड़क पर ही खड़ा रखते हैं। इसके अलावा रिक्शा, ठेला समेत अन्य वाहनों की वजह से भी अपर बाजार में जाम की स्थिति बनी रहती है। सिर्फ वाहन ही नहीं, बल्कि दुकानदार अपनी दुकान सामान की सड़क तक निकाल देते हैं। एन्क्रोचमेंट को लेकर कभी-कभार इस इलाके में ड्राइव चला दिया जाता है। लेकिन एक-दो दिन की कार्रवाई के बाद सब कुछ पहले जैसा हो जाता है।

पार्किंग में दुकान

यदि अपर बाजार के शॉपिंग कॉम्पलेक्स के पार्किंग एरिया में बने स्पेस का उपयोग पार्किंग के लिए किया जाए तो काफी हद तक हालत सुधर सकती है। लेकिन ज्यादा पैसे कमाने के लालच में भवन मालिक ग्राउंड एरिया को भी रेंट पर लगा दिए हैं। रंगरेज गली, दीनबंधु लेन, सोनार पट्टी, शहीद चौक, पुस्तक पथ, महावीर चौक समेत पूरे अपर बाजार का हाल ऐसा ही है। जाम मुक्त करने के लिए अलग-अलग प्लान पर काम भी किया गया, लेकिन एक भी प्लान सक्सेस नहीं हुआ। वन-वे किए जाने के बाद कुछ स्थिति जरूर सुधरी, लेकिन इसे भी लंबे समय तक जारी रखने में प्रशासन सफल नहीं रहा। अब पार्किंग की दिशा में फिर से पहल हो रही है।