रांची (ब्यूरो)। महानता मनुष्य के अंदर छिपी हुई है और व्यक्त होने का रास्ता ढूंढ रही है। आपको अपने जीवन का लक्ष्य और उद्देश्य पहचानना होगा। ये बातें वीमेंस कॉलेज की प्राचार्या डॉ शमशुन नेहार ने कहीं। वह एचआरडीसी आरयू में यूजीसी द्वारा प्रायोजित 3 जून से चल रहे फैकल्टी इंडक्शन प्रोग्राम में जीवन का उद्देश्य विषय पर व्याख्यान दे रही थीं।

ऊंचा उठना स्वाभाविक धर्म

उन्होंने कहा कि व्यावहारिक जीवन में कोई नीचे नहीं गिरना चाहता। सभी ऊंचे, बहुत ऊंचे उठने की आकांक्षा लिये हुए हैं। प्रत्येक मनुष्य अपने आपको ऊंचा सिद्ध करना चाहता है। इसके लिए अपनी-अपनी तरह की पुष्टि और प्रमाण भी एकत्र करते हैं और समय पडऩे पर उन्हें व्यक्त भी करते हैं। ऊंचा उठना मनुष्य का स्वाभाविक धर्म भी है, पर यदि किसी से यह पूछा जाए कि क्या उसने इस गम्भीर प्रश्न पर गहराई से विचार किया है? क्या कभी उसने यह भी सोचा है कि इस आकांक्षा की पूर्ति के लिए उसने क्या योजना बनाई है? तो अधिकतर व्यक्ति इस गूढ़ प्रश्न की गहराई का भेदन भी न कर सकें।

पर्यावरण संरक्षण पर व्याख्यान

डॉ कंजीव लोचन जो कि इतिहास विभाग रांची विश्वविद्यालय, रांची में प्राध्यापक हैं उन्होंने उच्च शिक्षा और इसका पारिस्थितिकी तंत्र विषय पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। विश्वविद्यालय और उच्च शिक्षा संस्थान (एचईआई) अकादमिक सुधारों की ओर बढ़ रहे हैं, एक ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र बनाया जा रहा है जो लचीला और अभिनव दोनों है। डॉ धनंजय वासुदेव द्विवेदी जो डीएसपीएमयू में संस्कृत विभाग में प्राध्यापक हैं उन्होंने भारतीय संस्कृति में पर्यावरण संरक्षण विषय पर व्याख्यान प्रस्तुत किया।