रांची(ब्यूरो)। रांची यूनिवर्सिटी के मैथ्स डिपार्टमेंट में शुक्रवार को उस समय जबरदस्त हंगामा मच गया, जब एमबीबीएस थर्ड ईयर की परीक्षा दे रहे 100 से ज्यादा मेडिकोज ने मैथ्स डिपार्टमेंट प्रशासन पर चोरी की खुली छूट देने का गंभीर आरोप लगा दिया। कुछ मेडिकोज को छूट दी गई, जबकि कुछ के मोबाइल तक जबरदस्ती रख लिए गए। इतना ही नहीं, कई मेडिकोज को जबरदस्ती एक्सपेल्ड करने का भी आरोप है। लगभग 4 घंटे तक स्टूडेंट्स ने जमकर हंगामा किया। प्रदर्शन कर रहे स्टूडेंट्स रांची यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर को बुलाने पर अड़ गए, ताकि उनके समक्ष अपनी बातों को रख सकें। हालांकि, काफी देर बाद हंगामा कर रहे स्टूडेंट्स की बातें सुनने के लिए एग्जामिनेशन कंट्रोलर और प्रोवीसी पहुंचे और तब जाकर मामला शांत हुआ।

क्या है पूरा मामला

रिम्स के एमबीबीएस थर्ड ईयर की परीक्षा दे रही एक छात्रा ने बताया कि एमबीबीएस के थर्ड ईयर की परीक्षा 23 मार्च से 5 अप्रैल तक हो रही थी। 23 मार्च के बाद से ही मैथ्स डिपार्टमेंट के कर्मचारियों द्वारा एमबीबीएस की परीक्षा दे रहे तीन छात्रों को स्पेशल सुविधा मुहैया कराई गई थी। छात्रों को मोबाइल भी दिया गया था, ताकि वो मोबाइल देखकर आसानी से परीक्षा दे सकें। साथ ही उनको कर्मचारी एग्जाम के दौरान मदद भी कर रहे थे। बाकी दूसरे छात्रों का मोबाइल तक जबरदस्ती लिया जा रहा था और कई छात्रों को परीक्षा के दौरान एक्सपेल्ड भी किया जा रहा था।

पहले दिन से ही कुछ को छूट

छात्रों ने बताया कि 23 मार्च को एग्जाम शुरू होने के साथ ही कुछ छात्रों के साथ स्पेशल सुविधा मैथ्स डिपार्टमेंट के कर्मचारियों द्वारा दी जा रही थी। यह सभी चीज हम लोग छात्र देख रहे थे, लेकिन हम लोग इंतजार कर रहे थे कि हम लोगों की परीक्षा खत्म हो जाए उसके बाद मैनेजमेंट से शिकायत करेंगे। इसलिए 5 अप्रैल शुक्रवार को जब एग्जाम खत्म हुआ तो उसके बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन से मिलकर डिपार्टमेंट के मिले हुए कर्मचारियों और जिन छात्रों को स्पेशल सुविधा दी गई थी, उनपर कार्रवाई की मांग की गई है।

अब क्या हैं मांगें

छात्रों ने बताया कि रात भर जाग कर पढ़ाई करते हैं हमलोग। दूसरे छात्र को मोबाइल देकर उनको परीक्षा देने की खुली छूट दी जा रही है। ऐसे में जो पढ़ाई कर रहे हैं उनको कम माक्र्स मिलेंगे और जो चोरी कर रहे हैं उनको अधिक माक्र्स मिल जाएंगे। प्रशासन से हम लोग मांग रखते हैं कि या तो इस पूरी परीक्षा को कैंसिल कर दिया जाए और फिर से परीक्षा ली जाए, या जिन छात्रों को स्पेशल सुविधा दी गई है उनको एक्सपेल्ड किया जाए। वहीं, जिन कर्मचारियों ने इनकी मदद की है उन पर भी कार्रवाई की जाए।

पुलिस पहुंचीं, वीसी को बुलाने पर डटे रहे परीक्षार्थी

जब हंगामा काफी बढ़ गया तो यूनिवर्सिटी प्रशासन ने पुलिस को भी बुला लिया। पुलिस भी छात्रों को समझाती रही लेकिन छात्र वाइस चांसलर को बुलाने पर अड़े रहे। एग्जामिनेशन कंट्रोलर और प्रोवीसी भी उनको बार-बार समझाते रहे, लेकिन छात्र मानने को तैयार नहीं थे। पुलिस प्रशासन ने यहां तक कहा कि यूनिवर्सिटी प्रशासन इसकी जांच करेगा और जांच में जो भी गलत पाया जाएगा, उसके ऊपर सख्त कार्रवाई भी की जाएगी।