रांची (्ब्यूरो): प्रो महिमा गोल्डेन बिलुंग की आरंभिक प्रार्थना के साथ प्रोग्राम की शुरुआत हुई। स्वागत तथा धन्यवादी गीत का संचालन महाविद्यालय के शिक्षकों के द्वारा किया गया। डॉ मृदुला खेस्स ने कहा कि डॉ नीरजा ने कॉलेज को 34 वर्ष दिया है। इन्होंने कई विद्यार्थियों को पीएचडी भी कराई है। साथ ही कई उपलब्धियां भी हासिल की है।

दिल में रहेगा कॉलेज

डॉ नीरजा ओझा ने कॉलेज को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह एक परिवार है। जिंदगी के कई हसीन पलों को मैने इस प्रांगण में बिताया है। कई खट्टी-मीठी यादें आज मैं यहां से समेट कर जा रही हूं, पर हमेशा यह कॉलेज मेरे दिल में रहेगा।

दिया गया सम्मान

कॉलेज की प्रिंसिपल प्रो ईलानी पूर्ति ने कहा कि भले ही आज डॉ नीरजा ओझा की विदाई हो रही है, पर यह एक नई शुरुवात है। आज से एक जिम्मेदारी खत्म हो रही है पर जीवन की नई जिम्मेदारी की भी शुरुआत हो रही है। प्रिंसिपल तथा बर्सर प्रो आशा रानी केरकेट्टा ने प्रशस्ति पत्र तथा शॉल देकर सम्मानित किया।

दी गई सम्मान राशि

स्टाफ एसोसिएशन के सचिव डॉ पीके गुप्ता द्वारा सम्मान राशि दी गई। डॉ प्रशांत गौरव ने उनके साथ बिताए लम्हों को साझा किया। उन्होंने कहा कि डॉ नीरजा का जीवन जमीन से जुड़ा हुआ है। वे हमेशा सभी से अच्छा बर्ताव करती रही है और उनकी कोशिश रहती है कि सभी की मदद कर सकें। डॉ चित्रा ने कहा कि डॉ नीरजा मां के साथ एक मार्गदर्शक भी हैं, जो ना सिर्फ शिक्षा पर वरन परिवारिक मामलों में भी सलाह देती हैैं। कार्यक्रम को डॉ एके लाल, डॉ बी दत्ता, डॉ बीएन घोष ने भी अपने विचार रखे। मंच संचालन प्रो महिमा गोल्डेन ने किया।