RANCHI: शुक्रवार दोपहर एक बजे के करीब एचबी रोड स्थित कुलदेवी मार्केट में दो अपराधियों ने ज्वेलरी व्यवसायी मनोज जायसवाल(ब्भ् वर्ष) को पहले गर्दन, हाथ, पेट में चाकू मारा, फिर जैसे ही जमीन पर गिरे कनपट्टी में सटाकर गोली मार दी। अपराधियों ने वहां दो गोलियां चलाई, एक पिस्टल में ही फंसी रह गई। फिलहाल, मनोज जायसवाल का इलाज सेंटेविटा अस्पताल में चल रहा है। डॉक्टरों के मुताबिक, उनकी हालत नाजुक है। हमलावर जख्मी अवस्था में मनोज को छोड़ कर दुकान के पीछे का शटर उठाकर भाग निकले। गोली चलने की आवाज सुनकर ऊपरी मंजिल पर रहे रहे मकान मालिक रमेश प्रसाद ने टाइगर मोबाइल को जानकारी दी। विक्टिम मनोज जायसवाल अपनी बीवी बच्चों के साथ पिस्कामोड़ के नीलांचल कोठी में रहते हैं।

नाली से मिले पिस्टल व भुजाली

घटना की जानकारी मिलने पर सिटी एसपी कौशल किशोर, सिटी डीएसपी शंभू कुमार सिंह, लोअर बाजार थानेदार सुमन कुमार सिन्हा, लालपुर थानेदार रमोद कुमार सिंह, चुटिया थानेदार बीके भारती समेत अन्य थानों की पुलिस घटनास्थल पर पहुंची। डॉग स्क्वॉयड व फोरेंसिक टीम को भी बुलाया गया। पुलिस को दुकान के पीछे एक चश्मदीद मिला। मूल रूप से चतरा के निवासी इस चश्मदीद ने पुलिस को बताया कि कुछ लड़के तेजी से उधर भागते दिखे। उनमें से एक की शर्ट पर खून के छींटे पड़े थे। थोड़ी देर बाद पुलिस को सूचना मिली कि लाइन टैंक रोड(चडरी तालाब) के पास खून से सना एक शर्ट पाया गया है। इसे पुलिस ने जब्त कर लिया है।

लूटने नहीं, मर्डर करने आए थे अपराधी

छानबीन के क्रम में पुलिस ने पाया कि जिस जगह पर मनोज जायसवाल की दुकान है, वहां लोगों के बैठने और सोने की भी व्यवस्था है। मकान मालिक रमेश प्रसाद ने बताया कि मनोज जायसवाल आठ सालों से यहां पर दुकान किए हुए है। वो कब आते हैं और कब जाते हैं, ये नहीं पता। लेकिन, वे यहां पर कभी-कभार ही आया-जाया करते थे। पुलिस ने पाया कि कमरा रूपी दुकान में एक झोले में चांदी के जेवरात और कैश रखे हुए हैं। ऐसे में यदि अपराधियों की लूटपाट की नीयत होती तो ये सब कुछ लेकर फरार हो जाते, जबकि ऐसा नहीं हुआ है।

बाइक से आए थे दोनों अपराधी

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि एक बाइक पर दो अपराधी वहां पहुंचे थे। वे लोग मार्केट के अंदर गए और दरवाजा खोलवाया। दरवाजा खोलते ही मनोज जायसवाल पर भुजाली से हमला कर दिया। बचाव में मनोज जायसवाल ने हाथ से रोकने की कोशिश की, इसी कोशिश में उनका हाथ भी कटा। मौका-ए-वारदात पर हमलावरों से जूझने के साक्ष्य भी मिले हैं।