रांची (ब्यूरो): अपथ निर्माण विभाग ने फ्लाईओवर की डीपीआर तैयार करने का निर्देश पथ प्रमंडल रांची को दिया है। फ्लाईओवर की लंबाई 2.80 किलोमीटर होगी। एक माह में इसकी विस्तृत रिपोर्ट बनकर तैयार होगी। इसके लिए कंसल्टेंट चयन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। पहले भी रातू रोड से हरमू तक फ्लाईओवर निर्माण की योजना बनी थी। दो बार डीपीआर तैयार कराया गया, लेकिन इसकी मंजूरी सरकार से नहीं मिल पाई। फि र से कुछ बदलाव के साथ नए सिरे से इसकी डीपीआर तैयार कराने की योजना बनी है।

जल्द मंजूरी का प्रयास

पथ निर्माण विभाग यह प्रयास कर रहा है कि योजना का प्रारूप तैयार कर इसी वित्तीय वर्ष इसकी मंजूरी राज्य सरकार से ली जाए। इंजीनियरों के अनुसार करम टोली चौक पर भी एक फ्लाईओवर निर्माण की योजना बन रही है, फि लहाल इसका सर्वे चल रहा है, स्वाइल टेस्टिंग का काम हो रहा है। बता दें कि रातू रोड से सहजानंद चौक होते हुए हरमू तक राजपथ की सडक़ काफ व्यस्त रहती है। अक्सर जाम रहती है।

कई फ्लाईओवर का चल रहा काम

राजधानी रांची और उसके आसपास कई फ्लाईओवर का निर्माण कार्य शुरू हो रहा है। रातू रोड फ्लाईओवर को एनएचएआई बना रहा है, वहीं कांटा टोली फ्लाईओवर का निर्माण जुडको करवा रहा है। सिरम टोली से रेलवे स्टेशन रोड होते हुए डोरंडा एजी मोड़ तक फ्लाईओवर का निर्माण पथ निर्माण विभाग ने शुरू किया है। इसके अलावा नगड़ी पिस्का में आरओबी का निर्माण कार्य शुरू हो रहा है।

रातू रोड, हरमू अक्सर जाम

राजधानी के रातू रोड की बदहाल स्थिति आज किसी से छिपी नहीं है। घनी आबादी क्षेत्र वाले रातू रोड से प्रतिदिन 20 हजार से अधिक छोटे बड़े वाहनों की आवाजाही होती है। सडक़ की चौड़ाई कम होने के कारण यहां अक्सर जाम लगा रहता है। वहीं जाम लगने का एक प्रमुख कारण रातू रोड में बड़ी संख्या में फुटपाथ दुकानदार हैं। इसे लेकर हरमू और रातू रोड में फ्लाईओवर बनाने का काम पिछले पांच साल से जारी था। लेकिन सरकारी नीतियों व नेताओं के लगातार विरोध के कारण रातू रोड मार्ग का विकास नहीं हो सका है। अब राज्य सरकार फिर से तैयारी कर रही है।

दो बार प्लान रिजेक्ट

चार वर्षों से हरमू और रातू रोड फ्लाईओवर कागजों पर ही बन रहा है। जमीन अधिग्रहण के कारण फ्लाईओवर का प्लान रिजेक्ट किया जाता रहा है। अभी तक तीन बार तो केवल डीपीआर ही बनी। दिल्ली की कंपनी रोडिक इंफ्रास्ट्रक्चर ने तीसरी बार डीपीआर तैयार की, लेकिन इसमें भी जमीन का मामला आ गया। न्यू मार्केट चौक पर रोटरी बनाने के लिए 1.31 एकड़ रैयती जमीन के अधिग्रहण का प्रस्ताव दिया गया था। बाद में लगातार विरोध होता देख सरकारी नीतियों में ही बदलाव किया गया।