रांची (ब्यूरो)। झारखण्ड राज्य कृषि उपज और पशुधन विपणन (संवर्धन और सुविधा) विधेयक, 2022 के विरोध में जारी राज्यव्यापी आंदोलन के तीसरे दिन झारखण्ड में खाद्य वस्तुओं की आवक-जावक एवं कृषि संबंधी थोक व्यवसाय की दुकानें और आलू-प्याज की थोक मंडिया पूरी तरह बंद रहीं। राइस मिल्स, फ्लॉवर मिल्स सहित अन्य खाद्य संबंधित मैनुफैक्चरिंग प्लांट में भी सेल बंद रहा। चैंबर महासचिव डॉ अभिषेक रामाधीन ने कहा कि त्यौहारी सीजन समीप है और झारखण्ड में खाद्यान्न व्यापार बंद है। उपभोक्ता हित में खाद्यान्न व्यवसायियों का प्रदेश में जिस प्रकार व्यापार बंद का आंदोलन चल रहा है इसमें सबसे अधिक उपभोक्ता प्रभावित होंगे। जनहित से जुडे इस मुद्दे पर कांग्रेस के कृषि मंत्री द्वारा अति संवेदनहीनता दिखाना समझ से परे हैं। वहीं शुक्रवार की शाम चैैंबर के पदाधिकारियों ने एग्रीकल्चर मिनिस्टर के आवास के बाहर विरोध-प्रदर्शन किया।

गतिविधियों की समीक्षा

झारखण्ड चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा दिन भर राज्य से बाहर के जिलों के गतिविधियों की समीक्षा की गई। इस दौरान कई जिलों में स्थानीय विधायकों ने भी व्यापारियों के प्रदर्शन में शामिल होकर अपना सहयोग देने के लिए आश्वस्त किया। बरही में कृषि मंत्री का पुतला दहन किया गया। देवघर में व्यापारियों के प्रदर्शन स्थल पर सांसद निशिकांत दूबे ने पहुंचकर इस विधेयक को उपभोक्ता विरोधी बताते हुए व्यापारियों के बंद का समर्थन किया गया। खूंटी में व्यापारियों के धरना स्थल पर पूर्व मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने पहुंचकर व्यापारियों को समर्थन देने की बात कही। यह भी कहा कि सरकार ने इस विधेयक का नाम ही सुविधा शुल्क रखा है। यानी बिना शुल्क के सरकार सुविधा नहीं दे सकती है। इस विधेयक के प्रभावी होने से भ्रष्टाचार एवं अफसरशाही को बढावा मिलेगा। उन्होंने व्यापारियों के समर्थन में सडक से सदन तक विरोध करने की बात कही।

कई व्यापार संघों का सहयोग

ईधर, झारखण्ड चैंबर ऑफ कॉमर्स के आहवान पर रासमा, जेटा, कोकर व्यापार संघ, लालपुर व्यवसायी समिति, गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसियेशन, आरएमडीए, झारखण्ड थोक वस्त्र विक्रेता संघ, रेडीमेड होजियरी संघ, छोटानागपुर फायरवक्र्स, मेन रोड दुकानदार समिति, रांची मार्बल टाईल्स संघ समेत कई संगठनों ने शनिवार को दोपहर 2 बजे तक अपना प्रतिष्ठान बंद रखने का निर्णय लिया है। प्लाईवुड एसोसियेशन ने विधेयक के विरोध में शनिवार को पूरा दिन व्यापार बंद रखने का निर्णय लिया है। आलू प्याज थोक विक्रेता संघ, रांची के पदाधिकारियों ने सभी जिलों में आलू-प्याज की मंडी को बंद रखने के लिए व्यापारियों से संपर्क बनाये रखा। चतरा मार्केट में अभूतपूर्व बंदी रही। खूंटी में व्यापारियों के समर्थन में कई शॉपिंग मॉल्स भी बंद रहे। वहीं साप्ताहिक हाट में व्यापारियों ने जाकर स्थानीय किसान और स्थानीय फूटकर दुकानदारों से इस बिल के विरोध में समर्थन मांगा। बरही, हजारीबाग में स्थानीय चैंबर द्वारा मोटिया मजदूरों के खाने की व्यवस्था की गई थी। गढवा में पूर्व विधायक अनंत प्रताप देव से मिलकर व्यापारियों ने अपने पक्ष में समर्थन मांगा। जामताडा में व्यापारियों ने मोटरसाइकल जुलूस निकाली। जामताडा शहर के फल सब्जी, आलू-प्याज, मीट-मछली के व्यापारियों के साथ बैठक कर इस आंदोलन में शामिल होने के लिए प्रेरित किया गया, जिसपर उन्होंने समर्थन के लिए आश्वस्त किया। चाकुलिया और जामताडा में सभी राइस मिल्स और थोक खुदरा मंडी के व्यापारियों ने शुल्क के खिलाफ मोटरसाइकल रैली निकाली।