रांची (ब्यूरो)। राजधानी रांची में फुट ओवरब्रिज बनाए जाने हैैं। बढ़ती भीड़ और बार-बार जाम लगने के कारण फुट ओवरब्रिज बनाने का निर्णय लिया गया था। लेकिन बार-बार टेंडर निकालने के बाद भी कोई ठेकेदार या एजेंसी फुट ओवरब्रिज बनाने सामने नहीं आया है। ठेकेदार नहीं मिलने के कारण अबतक चार बार टेंडर रद्द किया जा चुका है। सिटी के चार स्थानों में फुट ओवरब्रिज बनाने का निर्णय लिया गया है। दरअसल ठेकेदारों का कहना है संबंधित विभाग से किसी तरह का सहयोग नहीं मिलता है। पेमेंट में भी काफी समय लग जाता है। इस कारण सिटी के ठेकेदार गवर्नमेंट के काम पर ज्यादा ध्यान नहीं दे रहे। एक बिल्डर ने बताया कि जिन इलाकों में फुट ओवरब्रिज बनाए जाने हैैं, वह काफी भीड़भाड़ वाले इलाके हैैं। ऐसे में वहां पर किसी तरह का कंस्ट्रक्शन वर्क होने पर ट्रांसपोर्टेशन काफी प्रभावित होगा। इसके लिए नगर निगम, पथ निर्माण, ट्रैफिक डिपार्टमेंट सहयोग जरूरी है। इसके अलावा पेमेंट में भी काफी डिले होता है। इससे परेशानी और बढ़ जाती है। हर दिन बिल्डिंग मैटेरियल के दाम बढ रहे हैं। लेकिन सरकार अब भी पुराने रेट में ही काम कराना चाहती है। जो संभव नहीं।

मनोनयन के आधार पर होगा चयन

बार-बार टेंडर निकालने के बावजूद ठेकेदारों द्वारा दिलचस्पी नहीं लेने के कारण जुडको ने अब मनोनयन के आधार एजेंसी चयन करने का निर्णय लिया है। जुडको की टीम पश्चिम बंगाल से ठेकेदार का चयन करेगी। जिसे फुट ओवरब्रिज बनाने की जिम्मेवारी सौंपी जाएगी। विशेषकर वैसे ठेकदार जिन्हें फुट ओवरब्रिज या एक्सेलेटर लगाने का अनुभव हो, उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी। फुट ओवरब्रिज बनाने की पहल बीते साल दिसंबर महीने से ही हो रही है। जुडको को इसके निर्माण की जिम्मेवारी सौंपी गई है। दिसंबर से अबतक चार बार टेंडर निकाला गया, लेकिन एक भी ठेकेदार ने इसमे कोई रूचि नहीं दिखाई। इसके बाद अब जुडको खुद से ठेकेदार का चयन कर उसे काम की जिम्मेवारी सौपेंगा।

सीढिय़ों की जगह एस्केलेटर

फुट ओवरब्रिज पर सीढिय़ों की जगह अब एस्केलेटर-एलिवेटर लगाए जाएंगे। इससे पैदल चलने वालों को सीढ़ी चढऩे से निजात मिलेगी। राजधानी में कुल नौ जगहों पर एस्केलेटर और एलिवेटर वाला फुट ओवरब्रिज का निर्माण किया जाना है। फिलहाल चार स्थान न्युक्लियस मॉल के समीप, जीईएल चर्च कॉम्पलेक्स के समीप, किशोरगंज और अल्बर्ट एक्का चौक के समीप फुट ओवरब्रिज बनाने के लिए टेंडर निकाला गया था। लेकिन हर बार टेंडर रद्द करना पड़ा है। इसके अलावा रातू रोड, बिरसा चौक, हरमू रोड, बिग बाजार, रोस्पा टॉवर के समीप फुट ओवरब्रिज बनाने की योजना है। यहां पैदल चलने वालों को एस्केलेटर और एलीवेटर की सुविधा मिलेगी। शॉपिंग मॉल के तर्ज पर लगाये जाने वाले एस्कलेटर से लोग फुट ओवरब्रिज पर चढ़ेंगे और दूसरी ओर उतरने की व्यवस्था होगी। इससे सड़क पर गाडिय़ों का आवागमन भी सुगम होगा।

पहले से ज्यादा व्यस्त हुईं सड़कें

राजधानी रांची की आबादी में पहले से काफी इजाफा हुआ है। सड़कें भी पहले से ज्यादा बिजी हो गई है। रोड पर गाडिय़ों की मूवमेंट भी बढ़ी है। राजधानी बनने के बाद से ही यहां लगातार जनसंख्या में वृद्धि होती चली गई। लेकिन उस अनुसार न तो नई सड़कें बनीं, न फ्लाई ओवर और न ही फुट ओवरब्रिज ही बनाए गए। सड़कों को भी चौड़ा नहीं किए जाने से हर दिन रांची के लगभग हर रोड पर जाम की स्थिति बनी रहती है। सड़क के व्यस्त होने का असर पैदल चलने वाले राहगिरों पर पड़ता है। लोगों को रोड पार करने के लिए काफी इंतजार करना पड़ जाता है। जल्दबाजी के चक्कर में कई बार लोग एक्सिडेंट का शिकार हो जाते हैं। लोगों को इस तरह की समस्याओं से बचाने के लिए फुट ओवरब्रिज बनाने का निर्णय हुआ है।

पहले से बने ओवरब्रिज भी होंगे अपग्रेड

नए फुट ओवर ब्रिज बनने के साथ ही सिटी में पहले से मौजूद ओवरब्रिज को भी अपग्रेड किया जाएगा। चर्च कॉम्पलेक्स के समीप स्थित फुट ओवरब्रिज को अपग्रेड करने की योजना है। यहां सीढिय़ों के होने के कारण इसका लोग ज्यादा इस्तेमाल नहीं करते हैैं। इस जगह पर एक्सलेटर लगाने की योजना है। इस फुट ओवरब्रिज का निर्माण साल 2002 में किया गया था। आज यह सिर्फ विज्ञापन लगाने के काम आ रहा है। फुट ओवरब्रिज पर करीब 10.36 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। काम लेने वाली कंपनी को 12 महीने में फुट ओवरब्रिज का काम कंप्लीट करना होगा। न्युक्लियस मॉल के पास बनने वाले फुट ओवरब्रिज पर 3.88 करोड़, किशोरगंज के पास बनने वाले पर 3.92 करोड़ और चर्च कॉम्प्लेक्स के पास के पुराने फुट ओवरब्रिज को अपग्रेड करने में 2.56 करोड़ रुपए खर्च किये जाएंगे।