रांची : झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस आर मुखोपाध्याय की अदालत में बुधवार को पूर्व मंत्री योगेंद्र साव की जमानत पर सुनवाई हुई। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने योगेंद्र साव की जमानत याचिका को मंजूर करते हुए जमानत प्रदान कर दी। हालांकि, योगेंद्र साव अभी जेल में ही रहेंगे, क्योंकि एक मामले में वे सजा काट रहे हैं। सुनवाई के दौरान योगेंद्र साव की ओर से अधिवक्ता सचिन कुमार ने अदालत को बताया कि राजनीति से प्रेरित होकर उन्हें झूठे मुकदमे में फंसाया जा रहा है। बड़कागांव के तत्कालीन थाना प्रभारी परमानंद मेहरा द्वारा लगाए गए आरोप पूरी तरह से गलत हैं। वह खुद मादक पदाथरें की तस्करी करने वालों की मदद में संलिप्त पाए गए हैं और इस आरोप पर विभाग ने उन्हें निलंबित भी किया था। अदालत को यह भी बताया गया कि परमानंद मेहरा ने योगेंद्र साव के बेटे अंकित राज पर बालू के अवैध खनन का मामला दर्ज करते हुए तीन ट्रकों को सीज कर लिया था। जिला खनन पदाधिकारी ने जब मामले की जांच की तो अवैध खनन की बात गलत निकली।

यह है मामला

बड़कागांव थाने के तत्कालीन थाना प्रभारी परमानंद मेहरा ने एक वीडियो वायरल होने के आधार पर पूर्व मंत्री योगेंद्र साव के खिलाफ कांड संख्या 167/2018 दर्ज कराया था। आरोप है कि उस वायरल वीडियो में योगेंद्र साव पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास पर जबरन केस में फंसाने और तत्कालीन थाना प्रभारी परमानंद मेहरा पर असामाजिक तत्वों से साठगांठ की बात कह रहे हैं। उसी वीडियो में परमानंद मेहरा की संपत्ति की एनआइए से जांच की मांग भी की गई है। इसके अलावा, योगेंद्र साव पर बेटे के मामले में परमानंद पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने का भी आरोप है।