--रिम्स में एक बार फिर ठग सक्रिय, इस बार बेड व वीआईपी ट्रीटमेंट दिलाने के नाम पर हुई ठगी

रांची : रिम्स में एक बार फिर दलाल सक्रिय हो गए हैं। मंगलवार को रिम्स के मेडिसन आईसीयू में कुछ ऐसा ही मामला देखने को मिला, जहां लोहरदगा के कुडू निवासी 42 वर्षीय विमला देवी को बेड दिलाने के नाम पर उससे सात हजार रुपए की ठगी की गई। मरीज को बेड नहीं मिला था और उसका इलाज डा संजय सिंह की यूनिट में चल रहा है। ठग ने मुख्यमंत्री सहित स्वास्थ्य मंत्री से जान-पहचान होने की भी बात कह परिजन को झांसे में लिया। हालांकि परिजनों के सतर्क हो जाने के बाद ठग प्रताप मिश्रा अब पुलिस हिरासत में है। उससे पूछताछ की जा रही है और आशंका जताई जा रही है कि इस ठग के माध्यम से रिम्स में ठगी के रैकेट से पर्दा उठ सकता है। लगभग हर माह रिम्स में कभी खून, तो कभी दवा को लेकर दलाल पकड़े जाते हैं। लेकिन पुलिस की ओर से हर बार ऐसे दलालों को चेतावनी व बांड भरवाकर छोड़ दिया जाता है, जिससे इनका मनोबल और बढ़ जाता है।

सीएम आवास के पास हमुलाकात :

विमला देवी देवी की दो बेटियां अपनी मां के लंग्स के संक्रमणका इलाज कराने रिम्स पहुंची थीं। जिसके बाद डाक्टरों ने बताया कि उसकी पित्त की थैली भी बड़ी हो गई है। मां की बिगड़ती सेहत को देखते हुए सीएम हेमंत सोरेन से इलाज की गुहार लगाने के लिए दोनों बेटियां नूतन और नीतू सीएम आवास गयी हुई थी। आवास के पास ही उनकी मुलाकात सरायकेला- खरसावां जिले के रहने वाले प्रताप मिश्रा से हुई। प्रताप ने बच्चियों को बेहतर इलाज कराने का भरोसा देते हुए सात हजार रुपए ठग लिए। जिसमें उसने बेड दिलाने से लेकर वीआईपी ट्रीटमेंट देने का वादा कर डाला।

कैसे परिजन को फंसाया ठग ने :

मरीज की बेटी नूतन बताती है कि मां के बेहतर इलाज की गुहार लगाने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास गई हुई थी। वहीं ठग प्रताप मिश्रा मिला जिसने मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री से परिचय होने का हवाला देकर विश्वास जीता। उसने कहा कि रिम्स में उसकी मां को वीआईपी ट्रीटमेंट मिलेगा। जिसके बाद वह रिम्स आया बेड दिलाने के नाम पर तीन हजार रुपए, दवाई दिलाने के नाम पर 3500 रुपए और एक बार 500 रुपये ठग लिया। जिसके बाद परिजन को लगा कि वे ठगी का शिकार हो रहे हैं। दबाव बनाने पर ठग ने 3900 रुपये वापस लौटा दिये। लेकिन 3100 रुपए देने से इंकार कर रहा है। जिसके बाद रिम्स के निजी सुरक्षा गार्ड के माध्यम से ठग को पकड़ पुलिस के हवाले किया गया।

जेएमएम कार्यकर्ता

इधर पुलिस के अनुसार ठगी करने वाला व्यक्ति ने खुद को जेएमएम खरसावां का कार्यकर्ता बता रहा है। उसने कहा कि वो किसी काम से मुख्यमंत्री आवास गया था। जहां उसने दोनों बच्चियों को देखा, दोनों वहां रो रही थीं। उनकी मदद के लिए वे आया था। प्रताप ने कहा कि बेड दिलाने के लिए उसने तीन हजार रुपए लिया हैं। लेकिन वो पैसे उसने किसी दूसरे व्यक्ति को दे दिए ताकि मरीज को अस्पताल में बेड मिल सके।

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