रांची (ब्यूरो) : गांधी जयंती के पूर्व स्कूलों में दशहरे की छुट्टी रहेगी, इस कारण इसे गुरुवार को ही मनाया गया। उद्देश्य था गांधी जी के सिद्धांतों और उनकी सार्वकालिक उपयोगिता के महत्व का बीज बच्चों में बोना। कक्षा एक और दो के ब'चे गांधी जी और उनके तीन बंदरों के वेशभूषा में खुद को प्रस्तुत किया। शिक्षिका कविता सिंह ने ब'चों को गांधीजी के जीवन का वह वृतांत सुनाया जिसमें उन्होंने अपने साथी की कॉपी से नकल नहीं कर हम सबके लिए सच्चाई और ईमानदारी का आदर्श स्थापित किया। उनका यह व्यवहार हमें स्वयं को विकसित करने और आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा देता है। उनका चरखा चलाना हमें स्वदेशी एवं स्वदेश प्रेम का संदेश देता है।

गांधीजी के तीन बंदर

शिक्षिका ममता सिन्हा ने गांधीजी के तीन बंदरों द्वारा प्रदर्शित गुण बुरा मत सुनो, बुरा मत कहो और बुरा मत देखो हमें आत्मसंयम की प्रेरणा देते हैं। कक्षा दो की छात्रा काश्वी ने गांधीजी के उस विचार को बताया जिसमें वे कहा करते थे कि जो बदलाव तुम दूसरों में देखना चाहते हो वह बदलाव पहले खुद में लाओ। यह हमें अपने आप को प्रतिदिन और भी अ'छा बनने को प्रेरित करता है।

देश को आजादी दिलाई

प्राचार्य विनय कुमार पाण्डेय ने कहा कि गांधीजीजी ने अपने सिद्धांतों सत्य और अहिंसा के बल पर देश को आजादी दिलाई। आज विश्व उनके सिद्धांतों को मानता है कि सहनशीलता और स'चाई के पथ का अनुसरण करने से न सिर्फ व्यक्ति की बल्कि राष्ट्र का भी चरित्र उज्ज्वल होता है और वहां खुशहाली और तरक्की होती है। उन्होंने बच्चों से कहा कि कभी भी झूठ मत बोलना, किसी से गलत व्यवहार मत करना, माता-पिता और शिक्षकों को हमेशा सच बात बताना, अपनी गलतियों के लिए माफी मांग लेना, कभी किसी से झगड़ा मत करना।

स्वामी सहजानंद ब्रिजफोर्ड स्कूल में दुर्गोत्सव

स्वामी सहजानंद ब्रिजफोर्ड स्कूल, धुर्वा के बच्चों ने दुर्गोत्सव मनाया। दुर्गा दुर्गति को नाश करने वाली अतुल्य शक्ति का नाम है। महिषासुर मर्दिनी पर बच्चों ने नृत्य नाटिका प्रस्तुत कर महिलाओं की शक्ति को दर्शाया। स्कूल के छात्रों ने महिषासुर मर्दिनी स्त्रोत का पाठ किया। बच्चों ने डांडिया करके सब का मन मोह लिया। प्रिंसिपल गुंजन भसीन ने कहा कि हमें अपनी बुराइयों को समाप्त का अच्छाई को अपनाना चाहिए।