रांची (ब्यूरो) । द नज/इंस्टीट्यूट ने झारखंड के लातेहार एवं गुमला जिलों के 6 ब्लॉक्स के 41 गांवों में 625 परिवारों के गरीबी के दुष्चक्र से बाहर निकलने का एलान किया। झारखंड में अत्यंत गरीबी में जी रहे लोगों को इस दुष्चक्र से बाहर निकालने की इंस्टीट्यूट की पहल के सफल क्रियान्वयन से यह संभव हुआ है। इस अवसर पर रांची विश्वविद्यालय के आर्यभट्ट सभागार में आयोजित ग्रेजुएशन सेरेमनी के दौरान राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन तथा इप्सिता ठाकुर, सीनियर एसोसिएट डायरेक्टर, कॉर्पोरेट सिटिजनशिप, केपीएमजी और इंद्रप्रीत देवगन, एसोसिएट डायरेक्टर, कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी, केपीएमजी एवं अन्य वरिष्ठ प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

दुष्चक्र को तोडऩे में

इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने गरीबी के दुष्चक्र को तोडऩे में सफल रही दीदियों को सम्मानित किया। उन्होंने कहा, किसी कार्यक्रम को बड़े पैमाने पर क्रियान्वित करने और यह सुनिश्चित करने के लिए सरकार के साथ साझेदारी करना महत्वपूर्ण कदम है कि कार्यक्रम का लाभ अंतिम लाभार्थी तक पहुंच सके। द नज/इंस्टीट्यूट ने यह कार्य सफलतापूर्वक किया है और अभी राजस्थान, असम, त्रिपुरा, मेघालय, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, झारखंड और पंजाब में इस दिशा में प्रयासरत है। इन सभी राज्यों में इंस्टीट्यूट राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन, ग्रामीण विकास मंत्रालय के डीएवाई-एनआरएलएम और भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के साथ मिलकर काम कर रहा है। न दज/इंस्टीट्यूट के संस्थापक व सीईओ अतुल सतीजा ने कहा, गरीबी के दुष्चक्र से बाहर निकलने वाली दीदियों को सम्मानित करने के इस अवसर पर मैं हमारे साझेदारों और झारखंड सरकार का आभार जताना चाहता हूं, जिन्होंने इस सफर में हमारा सहयोग किया।