RANCHI: हाथ में राइफल लिए हमेशा लोगों की सुरक्षा में तैनात रहने वाले जवानों के सामने बुधवार को ग्रीज लगे पोल पर चढ़ने का चैलेंज था, जिसमें उन्होंने 20 फीट ऊंचे पोल पर चढ़ाई कर अपने लक को आजमाया। पोल के टॉप पर लगे लाल झंडे को पाने की तलब के साथ हर जवान ने इसे भरपूर इंज्वॉय किया। मौका था जैप-1 के स्थापना दिवस पर आयोजित आनंद मेले के क्लोजिंग पर ग्रीज पोल कॉम्पटीशन का। इस दौरान कोई जवानों के साथ सेल्फी क्लिक कर रहा था, तो कोई ग्रुप फोटो खिंचवा कर खुद को प्राउड फील कर रहा था। वहीं, जवानों ने भी ग्रीज और कीचड़ में खुद को सराबोर कर अपना जौहर दिखाया। अन्य इवेंट्स के बीच ग्रीज पोल कॉम्पटीशन हर बार की तरह इस बार भी आकर्षण का केंद्र रहा।

समर्थकों का हुजूम बढ़ाता रहा हौसला

इससे पहले ग्रीज पोल कॉम्पटीशन की शुरुआत आनंद मेले में लगभग चार बजे शाम से हुई। मौके पर जैप वन के लगभग पांच सौ जवान सहित उनके परिवार के लोग भी पूरे उत्साह के साथ ग्रीज पोल के चारों ओर अपनी-अपनी जगह पर लास्ट तक कायम रहे। अपनी-अपनी पसंद की टीम की हौसला अफजाई के बीच लोगों की शोर से जैप ग्राउंड गूंज उठा।

जवान की 12 टीम के बीच हुआ कॉम्पटीशन

पहली टीम में सबसे पहले एक मेम्बर को पांच मिनट दिया गया, जिसमें उन्हें पोल के टॉप पर लगे झंडे को उतार कर लाना था। दूसरे राउंड में हर टीम के दो-दो पार्टीसिपेट्स को एक साथ पोल पर चढ़ाई करनी थी। आखिरी राउंड में हर टीम के तीन पार्टीसिपेट्स को एक साथ पोल पर चढ़ना था। अंत में क्यूआरटी की टीम ने अपनी ग्रीप और मैनेजिंग पावर के साथ लाल झंडे को उखाड़ कर खिताब जीत लिया।

विजेता टीम को मिला निराला अवार्ड

ग्रीज पोल कॉम्पटीशन में विनर को अनोखा अवार्ड दिया जाता है। हर साल की तरह इस बार भी विनर यानी क्युआरटी की टीम को एक खस्सी और एक पेटी रम बतौर अवार्ड के रूप में दिया गया। इसमें रम की 12 बोतलें थीं। विनिंग टीम में सालीग्राम महतो, श्याम किशोर और सी कुजूर ने बेस्ट परफारमेंस दिया।

क्या है ग्रीज पोल कॉम्पटीशन

ग्रीज पोल कॉम्पटीशन में चिकने और फिसलन वाली ऊंची पोल पर चढ़ना और पकड़ कर रुकना होता है। इस कॉम्पटीशन की शुरुआत सबसे पहले 19वीं सेंचुरी में सिसली में हुई थी। जैप-1 के आनंद मेले में आखिरी दिन हर साल पारंपरिक रूप से इस कॉम्पटीशन का आयोजन किया जाता है।