RANCHI : स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने मंगलवार को रिम्स का औचक निरीक्षण तो फिर अव्यवस्थाओं की पोल खुल गई। जहां ओपीडी में ड्यूटी से पांच डॉक्टर गायब थे, वहीं कैदी वार्ड के मरीजों ने पानी नहीं मिलने व खिड़कियों के शीशे टूटे होने समेत कई और समस्याओं से स्वास्थ्य मंत्री को अवगत कराया। इस दौरान जहां-तहां पसरी गंदगी देख स्वास्थ्य मंत्री का पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया। उन्होंने चिकित्सकों से कहा कि ड्यूटी करनी हो तो ईमानदारी से करें, वरना वीआरएस ले लें। उन्होंने कहा कि मरीजों की जान से खिलवाड़ किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अगर ऐसे मामले आते हैं तो दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

वार्डो का लिया जायजा

स्वास्थ्य मंत्री ने इस दौरान कई वार्डो का जायजा लिया। इस दौरान ड्यूटी से नदारद रहने वाले पांच डॉक्टरों को उन्होंने शोकॉज जारी करने को कहा। इसके बाद अधिकारियों के साथ बैठक में कहा कि पैसे की कमी के कारण किसी मरीज के इलाज में कोताही नहीं बरती जानी चाहिए। अगर ऐसे मामले सामने आते हैं तो लापरवाही बरतने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। इस मौके पर डायरेक्टर डॉ बीएल शेरवाल, सुपरिंटेंडेंट डॉ एसके चौधरी, डिप्टी सुपरिंटेंडेंट डॉ गोपाल श्रीवास्तव और मेडिकल ऑफिसर, स्टोर डॉ रघुनाथ मौजूद थे।

सुधार लाएं, वरना हटा देंगे

इंसपेक्शन के दौरान जब हेल्थ मिनिस्टर आर्थो वार्ड पहुंचे तो मरीजों ने शिकायतों की अंबार लगा दी। मरीजों ने बताया कि दो- दो महीने से यहां ऑपरेशन टाला जा रहा है। ऐसे में उन्होंने आर्थो के डॉ.गोविंद गुप्ता को जमकर फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि अगर एक महीने में नहीं सुधरेंगे तो हटा दिए जाएंगे।

मीडिया को लेकर बदले सुर

महज 50 रुपए कम पड़ने के कारण रविवार को रिम्स में एक मासूम की मौत पर सोमवार को स्वास्थ्य मंत्री ने आरोपियों पर एक्शन लेने की बजाय मीडिया को नसीहत दी थी, वहीं मंगलवार को इस मामले में उनके सुर भी बदल गए। उन्होंने कहा कि वे मीडिया का सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा कि इमरजेंसी में मरीजों का टेस्ट मुफ्त में किया जाएगा। इसमें लापरवाही बरती जाती है तो सख्त एक्शन लिया जाएगा।

टायलेट नहीं जाना पड़े, नहीं खा रहे खाना

इंस्पेक्शन के क्रम में स्वास्थ्य मंत्री जब कैदी वार्ड पहुंचें तो मरीजों ने समस्याओं की झड़ी लगा दी। यहां इलाजरत कैदियों ने कहा कि वार्ड में पानी की भारी किल्लत है, इसलिए वे खाना नहीं खा रहे हैं ताकि टॉयलेट नहीं जाना पड़े। उन्होंने खिड़कियों के शीशे टूटे होने की बात भी बताई। स्वास्थ्य मंत्री ने मौके पर ही पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अधिकारियों को वाटर सप्लाई सुचारू करने के निर्देश दिए।

ये डॉक्टर थे ओपीडी से गायब

-डॉ मधुलिका होरो

-डॉ अमर वर्मा

-डॉ दिनेश कुमार मिश्रा

-डॉ अमित

-डॉ एके वर्मा

हर वार्ड में वार्ड फ्रेंड की तैनाती

हेल्थ मिनिस्टर ने मरीजों की परेशानी जानने के लिए हर वार्ड में एक वार्ड फ्रेंड तैनात करने के निर्देश दिए। यह वार्ड फ्रेंड की जिम्मेदारी होगी कि मरीजों की परेशानियों से रिम्स प्रशासन को अवगत कराए। अगर किसी मरीज के पास इलाज, जांच और दवा के लिए पैसे नहीं होगा तो इसकी तत्काल रिपोर्ट अधिकारियों को देगा।

इमरजेंसी में 24 घंटे रहेंगे डॉक्टर

रिम्स डायरेक्टर ने हेल्थ मिनिस्टर को मैनपावर की कमी से अवगत कराया। हेल्थ मिनिस्टर ने अगले महीने तक मैनपावर की कमी को दूर करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि 9 मेडिकल आफिसर की तैनाती जल्दी ही इमरजेंसी में की जाएगी। जो कैजुअल्टी में आने वाले मरीजों को प्राथमिकता के आधार पर देखेंगे, ताकि गंभीर मरीजों की जान बचाई जा सके।

फ्री में टेस्ट नहीं किया तो एजेंसी पर एक्शन

इमरजेंसी में मात्र 50 रुपए के लिए सिटी स्कैन नहीं किए जाने से बच्चे की मौत पर हेल्थ मिनिस्टर दोनों एजेंसियों के अधिकारियों को भी फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि इमरजेंसी में आने वाला मरीज बीपीएल हो या एपीएल उसकी सभी जांच मुफ्त में की जाएगी। ऐसे में अगर किसी मरीज की इमरजेंसी में फ्री में जांच नहीं की जाती है तो दोनों ही एजेंसियों को हटाने की कार्रवाई की जाएगी।