रांची(ब्यूरो)। राज्य के अनुबंध चिकित्साकर्मियों का आंदोलन बुधवार को अलग रूप में नजर आया। राज्य के अलग-अलग जिलों से आए करीब 4000 अनुबंध चिकित्साकर्मी डोरंडा स्थित स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के घर पहुंचे। यहां जमकर नारेबाजी हुई। हालांकि, काफी हो-हंगामे के बावजूद स्वास्थ्य मंत्री अनुबंधकर्मियों से मिलने नहीं आए। आवास से सूचना दी गई कि हेल्थ मिनिस्टर घर पर नहीं हैैं। इस पर चिकित्साकर्मियों ने कहा कि उनकी तलाश जारी रहेगी। आज नहीं, तो कल उन्हें सामने आना ही होगा। वैसे हड़ताल और अनशन साथ-साथ चलाते रहने का फैसला किया गया।
यह है मांग
पारा मेडिकल अनुबंध कर्मियों की हड़ताल के 30वें दिन और अनशन के 23वें दिन भी रांची में आंदोलनकारियों की भीड़ उमड़ती रही और नियमितीकरण की मांग को लेकर स्वास्थ्य विभाग के पारा मेडिकल कर्मियों ने डोरंडा स्वास्थ्य मंत्री आवास घेराव किया। बीती शाम मशाल जुलूस के बाद लोगों में आक्रामकता देखी गई। झारखंड राज्य एनआरएचएम एएनएम/जीएनएम संघ की महासचिव वीणा कुमारी सिंह ने कहा कि अनशनकारी अस्पताल में शिफ्ट होते जा रहे हैं। नियमितीकरण की मांग पर महीने भर से संघर्षरत राज्य भर के पारा मेडिकल कर्मियों की स्वास्थ्य मंत्री से उम्मीद अभी भी बनी हुई है।
एक महीने से स्वास्थ्य व्यवस्था ठप
गौरतलब है कि स्वास्थ्यकर्मियों का आंदोलन एक महीने से चल रहा है। रांची में राजभवन के बाहर लगातार प्रदर्शन हो रहा है। इस वजह से पूरे राज्य में वैक्सीनेशन का काम लगभग ठप है। पहले जिस संस्थान में 22 सेशन वेक्सीनेशन होता था, वहां आज हफ्ते में केवल दो से तीन सेशन ही हो रहा है। इसी प्रकार एसएनसीयू, मलेरिया, टीबी, एचआईवी आदि जांच भी प्रभावित है। झारखंड अनुबंधित पारा चिकित्सा कर्मी संघ के सचिव नवीन कुमार गुप्ता ने बताया कि राज्य में लगभग 7000 अनुबंधकर्मी एएनएम, जीएनएम, लैब टेक्नीशियन, एक्स-रे, फार्मासिस्ट आदि पदों पर कार्यरत हैं। फिलहाल अनशन पर 12 कर्मी मौजूद हैं। इनमें से कई की हालत बिगड़ी है, जिसके बाद दो को सदर अस्पताल में, दो को रिम्स में और एक को एम्स दिल्ली में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है।
दोबारा पहुंचे राजभवन
दिन भर स्वास्थ्य मंत्री के आवास के बाहर डटे रहने के बावजूद जब बन्ना गुप्ता से मुलाकात नहीं हुई, तो आंदोलनकारी वापस राजभवन लौट आए। यहां आक्रोश के साथ नारेबाजी हुई। यक्ष्मा प्रयोगशाला प्रावैधिक संघ के राज्याध्यक्ष मुकेश ठाकुर ने सवाल किया कि आखिर स्वास्थ्य मंत्री कितने दिनों तक भागते रहेंगे? एक न एक दिन उन्हें स्वास्थ्यकर्मियों का सामना करना ही होगा।
क्या कहते हैैं आंदोलनकारी
अगर सरकार हमारी मागों को नहीं मानती है तो आंदोलन और आक्रामक होगा, जिसकी जिम्मेदारी विभाग के मुखिया की होगी।
मीरा कुमारी

कर्मियों के नियमितीकरण के मसले पर सरकार को अपना वादा निभाना चाहिए। हम लोगों ने ही कोरोना काल में लोगों की जान बचाई थी।
नवीन रंजन

वादाखिलाफी कभी सहन नहीं करेंगे। सरकार को सभी अनुबंधकर्मियों को नियमित करना होगा, नहीं तो जोरदार तरीके से आंदोलन होगा।
रानी बाला

कब सरकार की निंद खुलेगी, कब सरकार जगेगी, ताकि जो साथी 16-17 सालों से अनुबंध पर कार्यरत हैं, उनका नियमितीकरण हो सके।
जगन्नाथ प्रसाद

यह सरकार को सोचना होगा कि वह राज्य की जनता की सेहत के साथ खेलना चाहती है या फिर जनता की नजरों में ऊपर उठना चाहती है।
सुनीता कुमारी