RANCHI : एचईसी आवासीय परिसर में रहने वाले हजारों लोगों को अब नगर निगम को पूरा होल्डिंग टैक्स चुकाना होगा। अभी तक एचईसी इलाके में रह रहे लोगों को होल्डिंग टैक्स के नाम पर मामूली राशि ही देनी पड़ती थी। लेकिन अब इस इलाके में रहने वाले लोगों को नगर निगम द्वारा जो टैक्स तय किया जाएगा, उसे अदा करना होगा। झारखंड हाईकोर्ट ने एचईसी की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें रांची नगर निगम की ओर से होल्डिंग टैक्स में की गई बढ़ोतरी को चुनौती दी गई थी।

निगम के पक्ष में डिसीजन

अभी तक एचईसी इलाके में रहने वाले लोग होल्डिंग टैक्स के नाम पर नाममात्र की ही राशि अदा करते थे। लेकिन नगर निगम द्वारा इस इलाके में हर तरह की सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही थीं। इस बीच निगम ने एचईसी वासियों के होल्डिंग टैक्स में बढ़ोतरी कर दी। जिसके बाद एचईसी कोर्ट पहुंच गया। जहां से कोर्ट ने नगर निगम के पक्ष में डिसीजन दिया।

पहले था 8 लाख

1991 में एचईसी और नगर निगम में होल्डिंग टैक्स को लेकर समझौता हुआ था, जिसमें एचईसी को आठ लाख रुपये प्रतिवर्ष होल्डिंग टैक्स के रूप में जमा करना था, लेकिन नगर निगम ने इस समझौते की अनदेखी करते हुए एक नोटिस भेजा। जिसमें होल्डिंग टैक्स में बढ़ोतरी का हवाला देते हुए दस करोड़ रुपये बकाए की मांग की गई। निगम के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि वर्तमान में 1991 में हुए समझौते का कोई औचित्य नहीं है, क्योंकि 2011 में झारखंड म्यूनिसिपल एक्ट बना और उसके तहत 2013 में होल्डिंग टैक्स के लिए नियमावली बनी। 2015 में इसे संशोधित भी किया गया। नई दर के अनुसार एचईसी को अब 64 लाख रुपये तिमाही होल्डिंग टैक्स का भुगतान करना होगा।