रांची (ब्यूरो): साथ ही हिन्दी विभाग के नये सत्र के विद्यार्थियों का स्वागत भी किया गया। हिन्दी दिवस पर अपनी बात रखते हुए हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रो। आशा रानी केरकेट्टा ने कहा कि हिन्दी भारत की बिंदी है। हिन्दी जनमाना को एक सूत्र में बाँधे रखती है। भारतीय ज्ञान-विज्ञान और शिक्षा-संस्कृति को विश्व स्तर पर उपस्थित करने में हिन्दी महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

बढ़ रहा हिन्दी का प्रयोग

मौके पर हिन्दी विभाग के डॉ। हाराधन कोईरी ने कहा कि हिन्दी संस्कार, सौहार्द और संयम की भाषा है। हिन्दी संस्कृत की ज्येष्ठ पुत्री होने के नाते अपनी सभी सगी बहनें को एक साथ लेकर चलती है। हिन्दी का प्रयोग दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहा है। नये नये जन संचार माध्यमों ने हिन्दी की सहजता को स्वीकार किया है। हिन्दी भाषा की समृद्धि के साथ ही साथ संस्कृत और जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा का संवर्धन जरूरी है।

हिन्दी विभाग के डॉ। प्रशांत गौरव ने कहा कि विश्व के 150 से अधिक देशों के विश्वविद्यालयों में हिन्दी अध्ययन, अध्यापन और अनुसंधान की भाषा बन चुकी। अंग्रेजी के लेखक भी हिन्दी में लिखकर गौरव की अनुभूति करता है

प्रतियोगिता का आयोजन

मौके पर हिन्दी निबंध लेखन, कविता वाचन, और भाषण प्रतियोगिता आयोजित की गई। कार्यक्रम में साठ विद्यार्थियों ने भाग लिया। जिसमें सेमेस्टर चार की छात्रा सुमित्रा कुमारी को प्रथम और सनरति हस्सा को द्वितीय एवं सौमित्र कुमार राय, आविष्कार सिंह को तृतीय पुरस्कार दिया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ प्रशांत गौरव ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ वर्षा शालिनी कुल्लू ने किया। मौके पर स्नातक प्रथम सेमेस्टर, द्वितीय और चतुर्थ के विद्यार्थी उपस्थित थे।